आजमगढ़:कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरे देश के लोग सतर्कता बरत रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार कई दिनों से लोगों से घर में रहने की अपील कर रहे हैं। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरतने में कोई कोताही नहीं कर रहे हैं। इसी क्रम में सपा के नेता व पूर्व सांसद रमाकांत यादव का भी नाम भी शामिल हो गया है।
पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार कोरोना की अफवाह फैला कर एनआरसी, सीएए, किसान आत्महत्या, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की साजिश रच रही है। देश में कहीं भी कोरोना नहीं है। कोरोना का कोई मरीज आए उसे हम गले लगाएंगे।
टीओआई के मुताबिक, पूर्व सांसद के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्ती बरती है। यूपी पुलिस अधीक्षक प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने शनिवार को सिधारी थाने में जनता के बीच भ्रम फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, जिलाधिकारी ने रमाकांत यादव को नोटिस भेज वैज्ञानिक तथ्यों के साथ एक सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
यही नहीं डीएम ने नोटिस में कहा है कि बयान से जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। उक्त कथन कोरोना के संक्रमण के रोकथाम हेतु सुरक्षात्मक उपायों के क्रियान्वयन में व्यवधान उत्पन्न करने वाला है।
अपने कथन के समर्थन में कोई वैधानिक तथ्य हो तो लिखित रूप में साक्ष्य एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा माना जाएगा कि आप कोविड-19 बीमारी (कोरोना) के संक्रमण की रोकथाम हेतु सुरक्षात्मक उपायों के क्रियान्वयन में व्यवधान डाल रहे हैं। जनमानस को दुष्प्रेरित कर रहे हैं तथा आम जन जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
हालांकि, रमाकांत यादव अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा, 'कोरोना पर मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है। मैंने कहा था कि अगर किसी को कोरोना हुआ है तो उसका इलाज कराकर ठीक किया जाएगा।