migrant crisis: महाराष्ट्र से घर लौट रहे थे प्रवासी कामगार, दो ट्रकों में टक्कर, तीन मरे, 24 अन्य घायल
By भाषा | Published: May 7, 2020 06:25 PM2020-05-07T18:25:32+5:302020-05-07T18:25:32+5:30
देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी कामगार कई राज्य से घर लौट रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश लौट रहे दो ट्रकों में भिड़ंत हो जाने से 3 लोगों की मौत हो गई।
सागरः मध्य प्रदेश के सागर जिले में सागर-छतरपुर मार्ग पर छपरी गांव के निकट बृहस्पतिवार की सुबह दो ट्रकों की आमने सामने की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गयी और 24 अन्य लोग घायल हो गये।
पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मिनी ट्रक महाराष्ट्र के भिवंडी से प्रवासियों को लेकर उत्तर प्रदेश जा रहा था जबकि दूसरा ट्रक माल भरकर उत्तर प्रदेश से आ रहा था। उन्होंने बताया कि मिनी ट्रक में सवार प्रवासी उत्तर प्रदेश के फैजाबाद और अम्बेडकर नगर के आसपास के रहने वाले हैं।
जिले के बंडा पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक कमल सिंह ने बताया कि टक्कर की यह घटना बृस्पतिवार की सुबह हुयी, जिसमें तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये। घायलों को उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक एक मृतक की पहचान महाराष्ट्र निवासी शिवमूर्ति स्वरुप (59) के तौर पर हुई है जबकि दो अन्य की शिनाख्त नहीं हो सकी है । जिला अस्पताल के सिविल सर्जन वी एस तोमर ने बताया कि 24 घायलों को उपचार के लिए अस्पताल लाया गया है और इनमें से दो की हालत गंभीर है।
अब तक 163 से अधिक श्रमिक ट्रेन चलाई गईं, 1.60 लाख श्रमिकों को गृह राज्य पहुंचाया गया
भारतीय रेलवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक मई से अब तक 163 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 1.60 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह नगर पहुंचाया है। रेलवे ने कहा कि उसने बुधवार को 56 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई और बृहस्पतिवार को अभी तक 14 ट्रेनें चलाई गई हैं। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया, “हम दिन के अंत तक कुछ और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं।” बुधवार रात तक रेलवे ऐसी 149 ट्रेनें चला चुका था।
प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं जिनमें से हर एक डिब्बे में 72 सीटें हैं। लेकिन सामाजिक नियमों का पालन करने के वास्ते एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है और मिडल बर्थ किसी भी यात्री को नहीं दी जा रही है।
हालांकि इन सेवाओं में होने वाले खर्च की जानकारी रेलवे की ओर से नहीं दी जा रही है, अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि प्रति सेवा रेलवे को 80 लाख रुपये का खर्च वहन करना पड़ा है। सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में खर्च वहन किया गया है। सेवा की शुरुआत से ही मुख्य रूप से गुजरात और केरल से श्रमिकों को बिहार और उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया।