कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में भी फैलाया ठगी का जाल, खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज बताकर करोड़ों वसूले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2022 02:36 PM2022-12-13T14:36:33+5:302022-12-13T14:36:33+5:30
ठग सुकेश चंद्रशेखर ने एक ट्रायल जज को फोन कॉल कर के खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज बताते हुए अपनी बेल के लिए शिफारिश की । दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने कई राज खोले हैं।
नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में महाठग सुकेश की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उसे राजधानी से बाहर की एक जेल में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया था। दिल्ली पुलिस ने सुकेश को शातिर अपराधी बताते हुए कहा कि वो कानून का जरा-सा भी सम्मान नहीं करता है। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि सुकेश ने जेल के अंदर रहते हुए भी कभी सुप्रीम कोर्ट का जज बन कर तो कभी केंद्रीय कानून सचिव बनकर कई लोगों को ठगा है और सुविधाओं का लाभ उठाया है।
इसके अलावा पुलिस ने अपनी जांच के हवाले से एक चार्ट भी पेश किया है, जिसमें सुकेश ने किसको कब कितनी रकम दी। जेल के आला से लेकर अदना अफसरों व कर्मचारियों को कितनी-कितनी रकम देता था, उसका भी ब्यौरा है ताकि जेल कर्मियों की सांठगांठ से उसका कारोबार बेधड़क चलता रहे।
सुकेश जरूरत पड़ने पर प्रभावशाली शख्सियत की पहचान का इस्तेमाल करता था। एफिडेविट में पुलिस ने कहा है कि सुकेश की जमानत याचिका पर स्पेशल जज पूनम चौधरी को सुनवाई करनी थी। 28 अप्रैल, 2017 को जज के लैंडलाइन पर एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज (जस्टिस कुरियन जोसेफ) बताया और स्पेशल जज से कहा कि आरोपी को जमानत दे दें।
सुकेश ने केंद्रीय गृह सचिव और केंद्रीय विधि सचिव बनकर अदिति सिंह को फोन किए और उनसे 214 करोड़ रुपये वसूले। सुकेश ने अदिति को झांसा दिया कि वह उनके पति शिविंदर सिंह को छुड़वा देगा।
बता दें जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी लीना पॉलोज की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में दोनों की जान को खतरा बताते हुए दिल्ली से बाहर किसी जेल में शिफ्ट करने की मांग की।बेंच ने जनवरी के दूसरे हफ्ते तक सुनवाई टाल दी।