मयूरभंज और कोरबा में हाथी ने ली दो की जान, कुचलकर मार डाला
By भाषा | Published: June 12, 2020 04:21 PM2020-06-12T16:21:16+5:302020-06-12T16:21:16+5:30
छत्तीसगढ़ और ओडिशा में हाथियों ने दो लोगों की जान ले ली। जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इस हमले में दो अन्य लोग घायल हो गए।
कोरबाः छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली हाथी के हमले में महिला की मौत हो गई। कोरबा जिले में पदस्थ वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कटघोरा वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत ठिहाईपारा लमना गांव में जंगली हाथी के हमले में आरती (35) की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि पाली क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश और उसकी पत्नी आरती बाई ठिहाईपारा लमना गांव में अपने रिश्तेदार के घर आए थे। रात में जब वह सो रहे थे तब एक जंगली हाथी ने हमलाकर उसके रिश्तेदार के घर को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि हाथी के इस हमले से ओमप्रकाश बच गया लेकिन महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और पुलिस अधिकारी गांव पहुंचे व महिला को ग्रामीणों की मदद से अस्पताल रवाना किया गया। लेकिन रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि महिला के पति को तत्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए दिए गए हैं।
शेष 5.75 लाख रुपए की राशि सभी अपौचारिकता पूर्ण होने के बाद उपलब्ध कराई जाएगी। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में हाथियों का उत्पात जारी है। इस महीने की दो तारीख को जिले के पसान क्षेत्र के पनगवां गांव निवासी मोहर सिंह (65) को एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला था।
ओडिशा में हाथी ने बुजुर्ग की जान ली
ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक जंगल में एक जंगली हाथी ने 60 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति को कुचलकर मार डाला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रासगोविंदपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रशांत बेहरा ने बताया कि इस घटना में कुकुदाजुडी गांव के चतुर्भुज नाइक की मौत हो गयी। वह सुबह पास के जंगल में गए थे।
उन्होंने कहा कि जंगल में घूम रहे एक जंगली हाथी ने बेहरा पर हमला किया और कुचलकर मार डाला। अधिकारी ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए पीआरएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवार को आवश्यक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की है।
तेंदुए के हमले में बच्ची की मौत
बहराइच जिले में कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से सटे रिहायशी इलाके में तेंदुए के हमले में आठ साल की एक बच्ची की मौत हो गयी। प्रभागीय वनाधिकारी जी.पी. सिंह ने बताया कि कतर्नियाघाट अभयारण्य के ककरहा रेंज अंतर्गत धोबियनपुरवा गांव में रहने वाले रफीक की बेटी रोशनी सोमवार रात करीब 10 बजे घर के बाहर निकली थी। तभी जंगल से आए तेंदुए ने उसे जबड़े में दबोच लिया और जंगल में ले जाने लगा। उन्होंने बताया कि बच्ची के परिजन तथा अन्य ग्रामीणों ने शोर मचाया तो तेंदुआ बच्ची को छोड़ कर जंगल में भाग गया लेकिन तब तक रोशनी की मौत हो चुकी थी।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है। विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडबल्यूएफ) ने प्रभावित परिजन को 10 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी है। जंगल से सटे इलाकों में तेंदुए के हमले बढ़ने के सवाल पर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में गांवों में लोगों की चहल-पहल कम होने के कारण भी जंगली जानवरों ने जंगल से गांव की ओर रुख किया है। उन्होंने बताया कि किसान गन्ने और मक्के की खेती कर रहे हैं जिससे जंगली जानवरों को खेतों में जंगल सा माहौल लगता है।
गांवों में तेंदुए के भोजन के लिए कुत्ते और बकरी अपेक्षाकृत आसान शिकार होते हैं। गांवों या खेतों में घुसे तेंदुए के सामने जब कोई बच्चा या व्यक्ति अकेला आ जाता है तो तेंदुआ उसे शिकार बना लेता है। सिंह ने बताया,‘‘ जंगल के नजदीक रह रहे ग्रामीणों को लगातार जागरुक किया जा रहा है कि शाम को घरों से ना निकलें। दिन में भी जरूरी हो तो समूह में निकलें।’’
गौरतलब है कि चार जून को भी बहराइच वन प्रभाग में नानपारा वन रेंज के डल्लापुरवा गांव में तेंदुए ने तीन वर्षीय एक बच्चे को मार डाला था। उसी दिन एक दूसरी घटना में कतर्नियाघाट के पटहा गौढ़ी में तेंदुए ने हमला कर एक वन कर्मी तथा दो पुलिस कर्मियों सहित सात लोगों को घायल किया था। वन विभाग ने पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ा था।