चंडीगढ़: सीबीआई ने रिश्वत मांगने के आरोप में भाजपा नेता के भाई समेत दो को गिरफ्तार किया, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 2, 2023 09:10 AM2023-08-02T09:10:00+5:302023-08-02T09:13:06+5:30
पंजाब में सीबीआई ने कथित रिश्वत मामले में सोमवार की रात एक स्थानीय भाजपा नेता के भाई समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
चंडीगढ़: पंजाब में सीबीआई ने कथित रिश्वत मामले में सोमवार की रात एक स्थानीय भाजपा नेता के भाई समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार रिश्वत का यह मामला महज 7 लाख रुपये का था लेकिन सीबीआई द्वारा रिश्वत के इस मामले में इस कारण कूदने का प्रयास किया क्योंकि इस अपराध में कथिततौर पर पुलिस की कथित मिलीभगत सामने आ रही है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस प्रकरण के पीड़ित दीपक नाम के शख्स ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई कि वह रामदरबार में एक मांस की दुकान का मालिक है। दीपक ने अपनी शिकायत में दावा किया कि उसे सेक्टर 26 के पुलिस ऑपरेशन सेल के दफ्तर में दो दिनों के लिए हिरासत में रखा गया था और रिहा करने के बदले उससे 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई।
पुलिस ने टीपक को धमकाया अगर वह 7 लाख रुपये दे देता है तो उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। उसके बाद पुलिस वाले 7 लाख रुपये से 5 लाख रुपये पर आ गई और भारी दबाव के कारण दीपक आखिरकार मनीष दुबे उर्फ बबलू और अनिल कुमार उर्फ कुकी को 3 लाख रुपये देने पर राजी हुआ।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश जगजीत सिंह की अदालत में रिमांड आवेदन में सीबीआई के वकील ने कहा, ''दीपक ने सीबीआई को बताया कि 22 जुलाई को कुछ पुलिसकर्मी आये और उन्हें बताया कि ऑपरेशन सेल में तैनात इंस्पेक्टर हरिंदर सेखों उसे तलाश रहे हैं। सेक्टर 26 आपरेशंस सेल ऑफिस पहुंचने पर दीपक को कांस्टेबल पवन और इंस्पेक्टर हरिंदर सेखों मिले। कांस्टेबल पवन ने दीपक से पूछा कि क्या वह मणि (अमनदीप सिंह उर्फ मणि राजपूत) को जानता है। दीपक ने उन्हें बताया कि मणि उसका बचपन का दोस्त था।"
वकील ने आगे बताया, "यह जानने के बाद कांस्टेबल पवन और इंस्पेक्टर हरिंदर सेखों ने उन्हें बताया कि मणि एक मामले में वांछित था और उनके बीच एक टेक्स्ट चैट हुई थी जिससे साबित होता है कि वह भी अपराध में शामिल था। उसके बाद उन्होंने दीपक को धमकी दी कि वे मणि के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उसका नाम जोड़ देंगे।"
रिमांड आवेदन में आगे कहा गया है, “हालांकि, पवन और हरिंदर सेखों ने दीपक को आश्वासन दिया कि अगर वह उन्हें 7 लाख रुपये दे देगा तो वह उसका नाम एफआईआर में नहीं रखेंगे। दोनों पुलिसकर्मियों ने दीपक को दो दिनों तक ऑपरेशन सेल के कार्यालय में हिरासत में रखा। 23 जुलाई को दीपक को 5 लाख रुपये रिश्वत देने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। 27 जुलाई को दीपक को बब्लू (मनीष दुबे) का फोन आया जिसने उसे बताया कि उसका दोस्त कुकी (अनिल कुमार) पवन और हरिंदर सेखों को जानता है।"
उसके बाद दीपक को बबलू और कुकी के साथ ऑपरेशंस सेल में गया, जहां उसे पवन और हरिंदर सेखों मिले। इस बार उन्होंने 5 लाख रुपये की मांग की।
वारदात के संबंध में सीबीआई अधिकारी ने कहा, 'दीपक रिश्वत की रकम देने को तैयार नहीं था। इसलिए उसने सीबीआई से संपर्क किया और 29 जुलाई को मनीष दुबे, अनिल कुमार, कांस्टेबल पवन और इंस्पेक्टर हरिंदर सेखों के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज की। जांच सीबीआई इंस्पेक्टर, शरद भसीन को सौंपी गई। जिन्होंने आरोपियों पवन, मनीष दुबे उर्फ बबलू और अनिल कुमार उर्फ कुकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और फिर उन्हें गिरफ्तार किया।