बिहार: जमुई में पुलिस ने किया 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार, मामले में पाकिस्तान कनेक्शन
By एस पी सिन्हा | Published: June 19, 2022 08:52 PM2022-06-19T20:52:53+5:302022-06-19T21:33:25+5:30
जमुई के एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से सांठ-गांठ रखने वाले कुछ साइबर अपराधी जमुई में सक्रिय हैं।
पटना:बिहार के जमुई जिले में पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि तीनों का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़े हैं। पुलिस ने तीनों के पास से लाखों रुपये कैश, 10 एटीएम कार्ड के साथ 5 मोबाइल जब्त किया है। ये सभी अपराधी पाकिस्तान में बैठे किसी आबिद नाम के शख्स को पैसे भेजते थे। ऐसे में पुलिस टेरर फंडिंग के एंगल से भी इसकी जांच कर रही है।
बताया जाता है कि तीनों आरोपियों से एटीएस की टीम भी पूछताछ जारी है। एटीएस को इनके वॉट्सऐप से आबिद का नंबर मिला है, जो पाकिस्तान में रहता है। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इनके बाकी साथियों की भी तलाश कर रही है। पकड़े गए तीनों अपराधी इतने शातिर हैं कि ये लोग केबीसी और लॉटरी के नाम पर भोले भाले लोगों को पकड़ते हैं और उन्हें अपना शिकार बनाते हैं।
ये अपराधी पाकिस्तान के एक युवक के संपर्क में थे, जो इन्हें पैसे जमा करने के नाम पर कमिशन देता था। इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार ओर एक को झाझा थाना क्षेत्र के चांय गांव से गिरफ्तार किया गया है। इसकी पहचान श्रवण कुमार, अमरजीत कुमार और रमेश कुमार के रूप में हुई है।
जमुई के एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से सांठ-गांठ रखने वाले कुछ साइबर अपराधी जमुई में सक्रिय हैं। ये अपराधी टीवी प्रोग्राम कौन बनेगा करोड़पति के अलावा अन्य लॉटरियों के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किय गये तीनों अपराधियों के पास से 10 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल के साथ अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किया गया है।
इनके फोन की जब छानबीन की गई तो पाया गया कि ये तीनों साइबर फ्रॉड हैं, जिनका अलग-अलग राज्य के गिरोहों से संपर्क है। 1-2 नंबर पाकिस्तान के भी पाए गए हैं। एसडीपीओ ने बताया कि घटना के मुख्य साजिशकर्ता ठगी गई राशि को अपने खाते में जमा कराया जाता था।
कमीशन के रूप में इन सहयोगियों को 7 फीसदी राशि दी जाती थी। जब इन अपराधियों के वॉट्सऐप नंबर की जांच की गई तो पता चला कि मुख्य षड्यंत्र कर्ता अरविंद कुमार जिसका संपर्क पाकिस्तान के आबिद नाम के व्यक्ति से है।