बिहार: ज्वैलरी के कारीगर को ब्लैकमेल कर दरोगा ने सिपाहियों संग हड़पी चार किलो चांदी, दबोचे गए
By एस पी सिन्हा | Published: September 5, 2019 07:31 PM2019-09-05T19:31:44+5:302019-09-05T19:31:44+5:30
बिहार पुलिस के एक दरोगा ने अपने सिपाहियों संग मिलकर एक ज्वैलरी कारीगर को ब्लैकमेल किया और उससे चार किलो चांदी हड़प ली। इस बात का खुलासा होने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
बिहार में घूसखोरी का एक नायाब मामला सामने आया है, जिसमें एक दारोगा घूस में सिर्फ चांदी वसूलता था. लेकिन जब उसका राज खुला और यह बात पुलिस महकमे को पता चली तो दारोगा अपने चार सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया. एसपी ने सबको गिरफ्तार करने और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. इनमें एक दारोगा अर्जुन प्रसाद और तीन सिपाही हैं. सिपाहियों के नाम गोपाल कुमार, पंकज और कमलनंद किशोर है. घटना सीतामढ़ी जिले के टाउन थाना की है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मियों ने 31 अगस्त की रात चेकिंग के दौरान सोना-चांदी के कारीगर सचिन दिलीप खारगे से चार किलोग्राम चांदी जबरन ले ली थी. सचिन दिलीप खारगे मूलत: महाराष्ट्र के मुंबई के रहने वाले हैं। सचिन दिलीप धारगे का पूरा परिवार वर्षों से सीतामढ़ी शहर के शंकर डेयरी गली में रह कर चांदी साफ करने का काम करता है. सोनापट्टी के आभूषण दुकानदार से वे चांदी लेते हैं, जिसे साफ करते हैं.
एक किलो चांदी की सफाई के बदले उन्हें पांच सौ रुपये मिलता है. उनका काम सोने-चांदी के जेवर बनाना है. 31 अगस्त की रात वह अपनी बाइक से घर लौट रहे थे. उनके पास 12 किलोग्राम चांदी थी. दारोगा अर्जुन राय के नेतृत्व में पैंथर मोबाइल की टीम शहर का भ्रमण कर रही थी. इस दौरान पैंथर मोबाइल के जवान गोपाल कुमार ने शहर के कोट बाजार से आभूषण कारोबारी मुंबई निवासी सचिन दिलीप धारगे के भाई देवनाथ धारगे और अक्षय धारगे को 12 किलो चांदी के साथ पकड़ लिया. गोपाल उनको थाने के बजाए रिंग बांध पीली कुटी स्थित मंदिर में ले गया. जहां उनका भयादोहन किया.
कुछ देर बाद दारोगा और अन्य जवान भी वहां पहुंच गए. इसके बाद रुपये की मांग की गई. उन्होंने कहा कि मेरे पास रुपये नहीं हैं तो पुलिसवालों ने एक-एक किलो चांदी देने को कहा. आखिरकर डरा-धमाकर पुलिसवालों ने उनसे चार किलो चांदी की वसूली कर ली. साथ ही आगे कारोबार करने के लिए नजराना देने की धमकी दी. बाद में दारोगा समेत पुलिस कर्मियों ने एक-एक किलो चांदी आपस में बांट लिया.
बताया जाता है कि जबरन वसूली का यह मामला बेहद दिलचस्प है. वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मियों में दो ने पूरी चांदी हड़प ली. पुलिसकर्मियों ने एक-एक किलो के हिसाब से चार किलो चांदी लिया था पर उसे दो पुलिसकर्मियों ने ही मिलकर हड़प लिया. जबकि बाकी के दो को इसमें हिस्सेदारी नहीं मिली.
इधर, कारोबारी सचिन दिलीप धारगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई. पुलिस मुख्यालय ने एसपी को मामले की जांच और कार्रवाई का आदेश दिया था. वहीं ज्वैलर्स एसोसिएशन ने इसकी जानकारी डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय को दी. जब जांच शुरू हुई तो पीड़ित ने अंदाज पर एक सिपाही का नाम बताया. उससे पूछताछ हुई और सामने लाया गया. लेकिन सचिन ने साफ कर दिया कि वसूली करने वालों में वह नहीं था.
एसपी ने दो दिनों पूर्व सचिन दिलीप धारगे और उनके भाइयों को अपने कार्यालय में बुला कर घटना की जानकारी ली थी. साथ ही दारोगा और जवानों की पहचान कराई थी. इसके बाद बुधवार की रात एसपी कुमार नगर थाना पहुंचे. चारों पुलिस कर्मियों को बुला कर वारदात की बाबत जानकारी ली. इसके बाद जांच को आगे बढ़ाया गया तो दारोगा अर्जुन राय, पैंथर मोबाइल के जवान गोपाल कुमार, पंकज कुमार और कमल किशोर का नाम सामने आया.
तलाशी में चार किलो चांदी भी बरामद हो गई. इसके बाद सीतामढ़ी पुलिस ने चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर बुधवार रात को जेल भेज दिया.
इस संबंध में एडीजी मुख्यालय, जितेन्द्र कुमार ने कहा कि गलत करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई होगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी क्यों न हो, पुलिस के अंदर बैठे गलत लोगों के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा.