Bhubaneswar Court: दूसरी बेटी होने पर पति ने 33 बार चाकू घोंपकर पत्नी सरस्वती को मारा, मन नहीं भरा तो छह वर्षीय बेटी की गला रेता, दोषी संजीत दास को मौत की सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2024 16:43 IST2024-08-02T16:42:40+5:302024-08-02T16:43:41+5:30

Bhubaneswar Court: घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर अक्टूबर, 2022 में उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

Bhubaneswar having second daughter husband killed wife Saraswati stabbing 33 times not satisfied slit throat 6-year-old daughter convicted Sanjit Das death sentence | Bhubaneswar Court: दूसरी बेटी होने पर पति ने 33 बार चाकू घोंपकर पत्नी सरस्वती को मारा, मन नहीं भरा तो छह वर्षीय बेटी की गला रेता, दोषी संजीत दास को मौत की सजा

सांकेतिक फोटो

Highlightsअपनी पहली बेटी (6) का भी गला रेत दिया था, लेकिन वह बच गई।पहली बेटी की भी हत्या करने की कोशिश की।जघन्य अपराध को अंजाम देने के बारे में सोचते हैं।

Bhubaneswar Court: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की एक अदालत ने एक व्यक्ति को दो साल पहले अपनी पत्नी की चाकू घोंपकर हत्या करने और छह वर्षीय बेटी की गला रेतकर हत्या करने की कोशिश करने के अपराध में मौत की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी संजीत दास (46) ने नौ जून, 2022 को इस अपराध को अंजाम दिया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उसने भुवनेश्वर के घाटिकिया इलाके में स्थित घर पर अपनी पत्नी सरस्वती की 33 बार चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। निजी अस्पताल में हेड नर्स के तौर पर काम करने वाली सरस्वती ने हत्या से कुछ दिन पहले ही दूसरी बेटी को जन्म दिया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दास ने अपनी पहली बेटी (6) का भी गला रेत दिया था, लेकिन वह बच गई।

दास को घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर अक्टूबर, 2022 में उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। भुवनेश्वर की द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बंदना कार की अदालत ने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए इस अपराध को 'दुर्लभतम' श्रेणी में रखा और कहा, ''ऐेसे में दोषी के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए... इसलिए यह अदालत दोषी को मौत की सजा सुनाती है।'' अदालत ने कहा कि पीड़िता के दूसरी बेटी को जन्म देने के कारण दोषी ने अपनी पत्नी की हत्या की और यही कारण था कि उसने पहली बेटी की भी हत्या करने की कोशिश की।

अदालत ने कहा कि ऐसे 'दुर्लभतम अपराध' के लिए मृत्युदंड देना अन्य लोगों को हतोत्साहित करेगा, जो इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम देने के बारे में सोचते हैं। अदालत ने दास को आजीवन कारावास की भी सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी, बशर्ते की दोषी की सजा में संशोधन न हो, उसकी सजा बदलकर हल्की न कर दी जाए या सजा की अवधि न घटा दी जाए या माफी न दी जाए।

अदालत ने छह साल की बच्ची को लगे आघात पर टिप्पणी करते हुए कहा, ''वह बच्ची, जिसे भारतीय कानून की व्यवस्था फिल्मों में भी ऐसी भयावहता देखने की अनुमति नहीं देती है, उसे अपनी आंखों के सामने यह सब होते हुए देखना पड़ा।'' अदालत ने कहा, ''गर्व से वंदे मातरम गाने वाली छह साल की छोटी बच्ची के पिता ने ही उसका गला रेतने की कोशिश की।

वह बच्ची जो शायद कार्टून 'छोटा भीम' और 'डोरेमोन' देखने का आनंद लेती होगी, उसे अपने ही पिता द्वारा मां की जघन्य हत्या देखनी पड़ी।'' अदालत ने कहा, ''हम उस बच्ची की गहन पीड़ा को नजरअंदाज नहीं कर सकते। वह घर जो उसके लिए एक सुरक्षित आश्रय था, लेकिन अब अकल्पनीय भयावहता का दृश्य बन गया है।

जिसने उसकी सुरक्षा और विश्वास की भावना को चकनाचूर कर दिया है। '' अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मृतक की नाबालिग बेटियों के लिए मुआवजे पर विचार करने के लिए फैसले की एक प्रति खुर्दा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलए) को उपलब्ध कराई जाए।

Web Title: Bhubaneswar having second daughter husband killed wife Saraswati stabbing 33 times not satisfied slit throat 6-year-old daughter convicted Sanjit Das death sentence

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