भोजपुरः सात साल के बच्चे के साथ तीन लड़कों ने किया अप्राकृतिक यौनाचार, ईंट मारा और जान से मारने की धमकी, अस्पताल में भर्ती होने के बाद खुलासा
By एस पी सिन्हा | Published: June 5, 2022 05:56 PM2022-06-05T17:56:51+5:302022-06-05T17:58:02+5:30
बिहार में भोजपुर जिले के धनगाई थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला है. थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि तीन किशोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
पटनाः बिहार में भोजपुर जिले के धनगाई थाना क्षेत्र के एक गांव से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है, जहां सात साल के बच्चे के साथ तीन लड़कों के द्वारा अप्राकृतिक यौनाचार किये जाने का मामला सामने आया है. पीडित बच्चा तीसरी कक्षा का छात्र है.
यही नहीं चुप नहीं रहने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई है. पीड़ित बच्चा ने गांव के ही तीन लड़कों पर आरोप लगाया गया है. बताया जाता है कि घटना करीब एक सप्ताह पहले की है. इस संबंध में तीन जून को तीनों के खिलाफ स्थानीय थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुलिस को सूचना देने से पहले पंचायत में मामले को रफा-दफा करने की कोशिश हुई.
इसके बाद पुलिस पीड़ित बच्चे की मेडिकल जांच करा छानबीन में जुट गई है प्राथमिकी के अनुसार 24 मई को गांव के ही तीन किशोर बच्चे को गांव के बधार में ले गये. वहां मुंह बंद कर उसके साथ जबरन अप्राकृतिक यौनाचार किया गया. इस दौरान ईंट मार कर उसे डराया गया और धमकी भी दी गई. दुष्कर्मियों के द्वारा कहा गया कि किसी को घटना के बारे में बताया गया, तो जान मार दिया जायेगा.
इस घटना के बाद पीड़ित बच्चे की तबीयत खराब हो गई और वह चुप रहने लगा. उसे देख परिजनों द्वारा जगदीशपुर के रेफरल अस्पताल में उसका इलाज कराया गया. उसके बाद तीन जून को परिजन थाने पहुंचे और केस किया गया. इस संबंध में थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि तीन किशोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
मामले की छानबीन और आरोपितों की धरपकड को लेकर छापेमारी की जा रही है. छात्र की मेडिकल जांच भी कराई गई है. पुलिस पीडित बच्चे मेडिकल जांच कराने सदर अस्पताल आई थी. वहां बोर्ड गठित कर उसकी मेडिकल जांच की गई. इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. रामप्रीत सिंह के निर्देश पर तीन सदस्यीय बोर्ड गठित किया गया.
बोर्ड में ऑन ड्यूटी डॉक्टर आशुतोष कुमार, डॉ. महावीर प्रसाद गुप्ता और डॉ. अशोक कुमार शामिल थे. इधर, सूत्रों के अनुसार शर्मनाक घटना के बाद पहले पंचायती के जरिए सलटाने का प्रयास किया गया, लेकिन आरोपितों के परिजनों द्वारा बात नहीं मानी गई. इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने में की.