बिहार में नीतीश राज में भ्रष्टाचार का रहा बोलबाला, रिश्वत लेते पकड़े गये 750 सरकारी सेवक

By एस पी सिन्हा | Published: August 30, 2022 08:00 PM2022-08-30T20:00:46+5:302022-08-30T20:00:46+5:30

ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक 2010 में ट्रैप केस 65 और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के 9 केस दर्ज हुए थे। वर्ष 2011 में ट्रैप केस 77 और आय से अधिक संपत्ति का 2 मामला दर्ज किया गया।

750 bihar govt officers nabbed to taking bribes during Nitish Kumar tenure | बिहार में नीतीश राज में भ्रष्टाचार का रहा बोलबाला, रिश्वत लेते पकड़े गये 750 सरकारी सेवक

बिहार में नीतीश राज में भ्रष्टाचार का रहा बोलबाला, रिश्वत लेते पकड़े गये 750 सरकारी सेवक

Highlights124 सरकारी कर्मियों-अफसरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज इनमें अकेले 2016 में 110 सरकारी अफसरों को घूस लेते पकड़ा गयाइसी साल 21 अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ

पटना:बिहार में नीतीश राज में 2010 से लेकर 22 अगस्त 2022 तक केवल निगरानी ब्यूरो ने 750 सरकारी सेवकों को रिश्वत लेते पकड़ा गया है। वहीं 124 सरकारी कर्मियों-अफसरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज हुआ है। इनमें अकेले 2016 में 110 लोगों को घूस लेते पकड़ा गया। जबकि इसी साल 21 अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ। निगरानी ब्यूरो की तरफ से यह जानकारी दी गई है। 

आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने निगरानी ब्यूरो से जानकारी मांगी थी। इसके बाद निगरानी ब्यूरो के लोकसूचना पदाधिकारी ने 24 अगस्त को जानकारी उपलब्ध कराई है। ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक 2010 में ट्रैप केस 65 और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के 9 केस दर्ज हुए थे। वर्ष 2011 में ट्रैप केस 77 और आय से अधिक संपत्ति का 2 मामला दर्ज किया गया।

इसी तरह से 2012 में ट्रैप केस 48 और आय से अधिक संपत्ति का 8 मामला, 2013 में 56 और 9, 2014 में 73 और 3, 2015 में 53 और 17, 2016 में 110 ट्रैप केस हुए जबकि आय से अधिक संपत्ति का 21 मामला दर्ज हुआ। जो एक दशक में सबसे अधिक है। 

दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 में ट्रैप के 83 और आय से अधिक संपत्ति के 13 केस दर्ज हुए। 2018 में 53 और 4, 2019 में 41 और 7, 2020 में 22 और 6, 2021 में 41 और 14 और 2022 में 22 अगस्त तक ट्रैप के 28 केस दर्ज हुए। जबकि आय से अधिक संपत्ति का 11 केस दर्ज किया गया है।

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बिहार में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। एक-एक अधिकारी के यहां छापे में करोड़ों रुपये नकद मिल रहे हैं। शनिवार को एक अभियंता के ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी में 5.32 करोड़ रू नकद मिले थे। आज भी एक डीएसपी बीके राउत के ठिकानों पर छापेमरी चल रही है। 

इसतरह से नीतीश राज में अधिकारी मालामाल हो गये हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से निगरानी ब्यूरो लगातार कार्रवाई कर रही है। बावजूद इसके बाद भी भ्रष्ट अफसरों में खौफ नहीं हो रहा। 2010 से लेकर अबतक का रिकार्ड देखें तो 2016 में सबसे अधिक भ्रष्ट सरकारी सेवकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 

इस दौरान बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। यह आंकड़ा तो सिर्फ एक जांच एजेंसी की है। अन्य दो एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई और विशेष निगरानी इकाई भी भ्रष्ट सरकारी सेवकों के खिलाफ केस कर रही है।

Web Title: 750 bihar govt officers nabbed to taking bribes during Nitish Kumar tenure

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