35 लाख के केले, कोविड लॉकडाऑउन में 11 करोड़ रुपये खर्च सहित जान से मारने की धमकी! जानें, विवादों में क्यों घिरा है उत्तराखंड क्रिकेट संघ

उत्तराखंड क्रिकेट संघ कई तरह के विवादों में घिर गया है। इसमें खिलाड़ियों को धमकी देने, जबरन वसूली से लेकर खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं कराने सहित भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

By विनीत कुमार | Published: July 14, 2022 07:50 AM2022-07-14T07:50:34+5:302022-07-14T07:57:25+5:30

Uttarakhand cricket under cloud after various allegation of financial impropriety to intimidation of players | 35 लाख के केले, कोविड लॉकडाऑउन में 11 करोड़ रुपये खर्च सहित जान से मारने की धमकी! जानें, विवादों में क्यों घिरा है उत्तराखंड क्रिकेट संघ

विवादों में उत्तराखंड क्रिकेट संघ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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Highlightsउत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) विवादों में, भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं जैसे आरोप।हाल में एक खिलाड़ी के पिता ने सीएयू के अधिकारियों पर जान से मारने की धमकी देने और जबरन वसूली जैसे आरोप लगाए थे।खिलाड़ियों को टीम के दौरे के दौरान खाना और बस आदि मुहैया नहीं कराने जैसे आरोप भी सामने आए हैं।

देहरादून: उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) इन दिनों विवादों के घेरे में है। इसमें वित्तीय अनियमितताओं से लेकर खिलाड़ियों को डराने-धमकाने जैसी बातें शामिल हैं। हाल में उत्तराखंड पुलिस ने सीएयू के सचिव माहिम वर्मा, टीम के मुख्य कोच मनीष झा और एसोसिएशन के प्रवक्ता संजय गुसाईं से पूछताछ की थी। इनसे ये पूछताछ एक एफआईआर के संबंध में की गई थी जिसे पूर्व अंडर-19 भारतीय क्रिकेटर के पिता द्वारा दर्ज कराया गया था। 

एफआईआर में इन सभी के नाम हैं और इन पर जान से मारने की धमकी देने और कथिक तौर पर जबरन वसूली करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एसएसपी देहरादन जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि तीन दिनों तक माहिम वर्मा, मनीष झा और संजय गुसाईं को पूछताछ के लिए बुलाया गया, उनके बयान लिए गए और जरूरत पड़ने पर आगे भी बुलाया जाएगा।

एफआईआर में क्या लगाए गए हैं आरोप

मामले के संबंध में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रदेश क्रिकेट संघ से जुडे लोगों में वर्मा के अलावा, टीम प्रशिक्षक मनीष झा, पीयूष कुमार रघुवंशी, नवनीत मिश्रा, सत्यम शर्मा, संजय गुसाईं और पारूल शामिल हैं, जिनके खिलाफ 21 वर्षीय क्रिकेट आर्य सेठी को कथित तौर मारने, उससे जबरन वसूली करने तथा धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। 

यह कथित घटना पिछले साल दिसंबर की बताई जा रही है। क्रिकेटर के पिता वीरेंद्र सेठी द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार उनका पुत्र राजकोट में विजय हजारे टूर्नामेंट में खेल रहा था और उसी दौरान यह घटना हुई। शिकायत में क्रिकेटर के पिता ने दावा किया कि क्रिकेट संघ के सचिव वर्मा तक जब यह मामला पहुंचा तो उन्होंने सुलह की बजाय झा, मिश्रा और रघुवंशी से बात की और उसके बाद उनके पुत्र को ‘गोली मारने’ की धमकी दी। 
क्रिकेटर के पिता इस मुददे को लेकर वर्मा से मिले और उनसे अपने पुत्र के करियर को लेकर बात की। इस पर उन्होंने उनसे 10 लाख रुपये की मांग की और पैसे न देने की स्थिति में उन्हें जान से मारने और उनके पुत्र का करियर बर्बाद करने की धमकी दी ।

उत्तराखंड क्रिकेट पर वित्तीय अनियमितताओं सहित कई और आरोप

एक खिलाड़ी को धमकी देने के अलावा उत्तराखंड क्रिकेट संघ पर वित्तीय अनियमितताओं और खिलाड़ियों को परेशान करने जैसे कई और गंभीर आरोप भी सामने आए हैं।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार खिलाड़ी बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने या कम भुगतान करने की बात बताते हैं। डीए के तौर पर 100 रुपये का भुगतान किया गया जबकि अनिवार्य राशि 1,500 रुपये है। टूर्नामेंट और प्रशिक्षण शिविरों के दौरान भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाना जैसे आरोप हैं। इसके अलावा केले और पानी की बोतलों पर महामारी के दौरान भी लाखों रुपये खर्च बताए गए हैं।

सीएयू की 31 मार्च, 2020 की ऑडिट रिपोर्ट में भोजन और खानपान के लिए 1,74,07,346 रुपये और दैनिक भत्ते के लिए 49,58,750 रुपये बतौर खर्च बताए गए हैं। इसमें केले के लिए 35 लाख रुपये और पानी की बोतलों के लिए 22 लाख रुपये शामिल हैं।

खिलाड़ियों को नहीं दी गई बस और खाने जैसी सुविधाएं भी!

उत्तराखंड टीम के एक बाहरी पेशेवर क्रिकेटर रॉबिन बिष्ट ने सेठी के आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने मुंबई के खिलाफ हाल ही में रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल से पहले की एक घटना को याद किया।

बिष्ट ने कहा, 'हम टीम होटल लौट आए और पूल में हमारे रिकवरी सेशन के बाद, दोपहर के भोजन के लिए गए। होटल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें हमें खाना नहीं परोसने के लिए कहा गया है। जब हमने टीम मैनेजर को फोन किया, तो उन्होंने जवाब दिया- 'स्विगी या जोमैटो से कुछ ऑर्डर करो या भूखे रहो। एक दिन खाना नहीं खाएंगे तो मर नहीं जाएंगे।'

उत्तराखंड ने वह मैच मुंबई से 725 रनों के अंतर से गंवा दिया था। रनों के अंतर के हिसाब से ये क्रिकेट में सबसे बड़ी जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

बिष्ट ने कहा, 'अगले दिन, हमारी दिल्ली के लिए एक उड़ान थी। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद हमने फिर से अपने टीम मैनेजर को फोन करके कहा कि हमें देहरादून जाना है। 'हमारी बस कहाँ है?' जवाब आया, 'कैब, बस या ट्रेन बुक करो। हमारा काम आप लोगों को दिल्ली पहुंचाना था, आपके घर नहीं।'

उत्तराखंड क्रिकेट संघ पर भ्रष्टाचार के आरोप

उत्तराखंड विधानसभा में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार द्वारा सीएयू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया, 'कोविड के दौरान सीएयू ने पेशेवर शुल्क के रूप में 6.5 करोड़ रुपये दिए। मैं जानना चाहता हूं कि उन्होंने यह पैसा किसे दिया? मार्च 2020 से पहले पेशेवर शुल्क लगभग 2.75 करोड़ रुपये था। कोविड के दौरान 1.27 करोड़ रुपये का लंच और डिनर किसने किया? उन्होंने क्रिकेटिंग कोच कैसे हायर किए? मैंने इसे उत्तराखंड सदन में भी उठाया था। मुझे लगता है कि बीसीसीआई को हस्तक्षेप करना चाहिए; यहां बहुत बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा है।'

कुमार ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद था, उन्होंने 11 करोड़ रुपये खर्च किए और जब सबकुछ चल रहा था तो आपने 12 करोड़ रुपये निवेश किए।'

उन्होंने कहा कि इस मामले को राज्य सरकार के संज्ञान में लाया गया है। कुमार ने कहा, 'मैंने और 12 अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और अगर जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। लोढ़ा समिति को सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया था, और 'मिस्टर वर्मा एंड कंपनी' अदालत के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।'

बता दें कि सेठी ने अपनी पुलिस शिकायत में आरोप लगाया कि माहिम वर्मा ने उनके बेटे को राज्य की टीम में शामिल करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी।

सीएयू सचिव माहिम वर्मा और अध्यक्ष जोत सिंह गांसोला को अपने ही संघ के उपाध्यक्ष संजय रावत और संयुक्त सचिव अवनीश वर्मा की ओर से भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप का सामना करना पड़ रहा है। इन्होंने सीएयू के लोकपाल और नैतिकता अधिकारी के पास शिकायत पत्र भेजे हैं। रावत ने कहा, 'हमने बीसीसीआई को भी एक पत्र भेजा है। नैतिकता अधिकारी ने माहिम वर्मा और जोत सिंह गांसोला को गुरुवार तक अपना जवाब देने को कहा है।'

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