बर्थडे स्पेशल: 1997 की वो सीरीज जब गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ मचाया टोरंटो में धमाल

पाकिस्तान के खिलाफ कनाडा के टोरंटो में खेले गए उस पांच मैचों की सीरीज पर भारत ने 4-1 से कब्जा जमाया।

By विनीत कुमार | Published: July 8, 2018 07:44 AM2018-07-08T07:44:10+5:302018-07-08T08:45:01+5:30

sourav ganguly stuns pakistan in toronto in 1997 sahara cup with his bowling | बर्थडे स्पेशल: 1997 की वो सीरीज जब गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ मचाया टोरंटो में धमाल

Sourav Ganguly

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नई दिल्ली, 8 जुलाई: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और अपने खेल से लंबे समय तक फैंस के दिलों पर राज करने वाले सौरव गांगुली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली का क्रिकेट करियर अपने आप में खासा दिलचस्प और कई यादगार लम्हे समेटे हुए है। गांगुली का फिर चाहे  डेब्यू के साथ लगातार दो टेस्ट मैचों में शतक लगाने का कारनामा हो या फिर अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने का रोमांचक सफर, हर मौके पर उन्होंने खुद को साबित किया है।

गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम को आक्रामक बनाने और एक नए तरीके के क्रिकेट के लिए तैयार करने का भी श्रेय जाता है। बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं 1997 में पाकिस्तान के खिलाफ उस सीरीज की कहानी, जिसने उन्हें हर भारतीय फैंस के दिलों में बसा दिया।

टोरंटो में 1997 के सहारा कप में दिखा गांगुली का जलवा

पाकिस्तान के खिलाफ कनाडा के टोरंटो में खेले गए उस पांच मैचों की सीरीज पर भारत ने 4-1 से कब्जा जमाया।  इस पूरी सीरीज में गांगुली का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। इसी सीरीज के बाद 'प्रिंस ऑफ कलकत्ता' उनके नाम से हमेशा के लिए जुड़ गया। गांगुली ने इस सीरीज में कुल 222 रन बनाए और 15 विकेट झटके। सबसे खास ये कि इस सीरीज में पांच मैचों में चार बार गांगुली 'मैन ऑफ द मैच' चुने गए।

पाकिस्तान के खिलाफ झटके पांच विकेट

टोरंटो में हुए इस सीरीज का सबसे खास मैच 18 सितंबर 1997 का रहा जब दुनिया ने पहली बार देखा गांगुली अपनी गेंदबाजी से क्या कुछ कर सकते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ इस सीरीज के तीसरे वनडे में भारत टॉस हारने के बाद पहले बैटिंग करने उतरा और 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 182 रन बना सका। गांगुली इस मैच में 2 रन बनाकर आउट हुए जबकि चौथे नंबर पर बैटिंग करने उतरे कप्तान सचिन तेंदुलकर खाता भी नहीं खोल सके।

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राहुल द्रविड़ के 25 रन, मोहम्मद अजहरुद्दीन- 67 रन, अजय जडेजा के 20 रन और रोबिन सिंह के नाबाद 32 रनों की बदौलत भारत 150 के पार जा सका। जाहिर है पाकिस्तान के लिए यह लक्ष्य मुश्किल साबित नहीं होना चाहिए था, लेकिन इसके ठीक उलट हुआ। सईद अनवर (22) और शाहिद अफरीदी (44) ने पहले विकेट के लिए 52 रन जोड़ दिए। अनवर का विकेट देबाशीष मोहंती ने लिया और फिर कुछ ही देर बाद अबे कुरुविला ने अफरीदी को वापस भेजा।

इसके बाद जो कुछ हुआ, उसके बारे में पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने सपने में भी नहीं सोचा था। पाक कप्तान रमीज रजा हरविंदर सिंह का शिकार बने और फिर गांगुली ने लगातार चार विकेट झटके। मैच खत्म होने तक गांगुली का बॉलिंग फिगर था- 10 ओवर, तीन मेडन, 16 रन और पांच विकेट।

गांगुली की शानदार गेंदबाजी का ही नतीजा था कि पूरी पाकिस्तानी टीम 36.5 ओवर में 148 रनों पर सिमट गई। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम इस सीरीज में 3-0 से बढ़त ले चुकी थी। भारत की यह जीत इससे पहले 1996 में टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में 1-2 से मिली हार का भी बदला था।

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