सचिन ने 22 साल बाद किया खुलासा, शारजाह में तूफानी शतक ठोकने के बावजूद घर लौटने पर क्यों पड़ी थी भाई से डांट

Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर ने शारजाह में 1998 में खेली गई अपनी डेजर्ट स्टोर्म पारी को लेकर खुलासा किया है कि इस पारी के बाद उन्हें घर लौटने पर भाई से डांट सुननी पड़ी थी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 1, 2020 05:16 PM2020-05-01T17:16:22+5:302020-05-01T17:16:22+5:30

Sachin Tendulkar reveals, When he lost his cool on Laxman and was scolded by brother after ‘desert storm’ knock | सचिन ने 22 साल बाद किया खुलासा, शारजाह में तूफानी शतक ठोकने के बावजूद घर लौटने पर क्यों पड़ी थी भाई से डांट

सचिन ने 1998 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी डेजर्ट स्टोर्म पारी

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Highlightsसचिन ने 22 अप्रैल 1998 को शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी 143 रन की पारीसचिन ने इसके बाद खेले गए फाइनल में दमदार शतक से टीम इंडिया को जिताया था खिताब

सचिन तेंदुलकर की 1998 में शारजाह में खेली गई 'डेजर्ट स्टोर्म' पारी को उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक गिना जाता है। 22 अप्रैल 1998 को शारजाह में ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए सचिन ने 143 रन की दमदार पारी खेली थी, हालांकि भारत वह मैच हार गया था, लेकिन सचिन की पारी की वजह से टीम इंडिया उस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई थी, जहां सचिन की एक और शतकीय पारी की मदद से भारत ने खिताब जीत लिया था।

शारजाह में खेली अपनी डेजर्ट स्टोर्म पारी के 22 साल बाद अब सचिन ने खुलासा किया है कि अपनी उस यादगार पारी के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा किया था कि उन्हें घर लौटने पर अपने भाई की डांट सुननी पड़ी थी। 

सचिन ने कहा, 'डेजर्ट स्टोर्म पारी के दौरान कई बार लक्ष्मण पर चिल्लाए थे'

सचिन ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेडट में कहा कि उस मैच के दौरान लक्ष्य का पीछा करते हुए उनका कई बार वीवीएस लक्ष्मण पर चिल्लाना उनके भाई को नागवार गुजरा था। 

भारत उस मैच में 285 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था और फिर तूफान आने के बाद भारत को 46 ओवर में 276 रन का संशोधित लक्ष्य मिला। सचिन जब लक्ष्मण के साथ बैटिंग कर रहे थे तो उन्होंने मैच जीतने के जुनून में एक-दो बार उन पर चिल्ला दिया था।

सचिन ने कहा, 'मुझे याद है कि कई बार मेरी भावनाएं बाहर आ गईं और मैंने लक्ष्मण पर चिल्ला दिया, दो रन भागो, मेरी कॉल है, तुम दौड़ क्यों नहीं रहे हो?' सचिन और लक्ष्मण ने उस मैच में पांचवें विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की थी। सचिन ने 131 गेंदों में 143 रन बनाए।

सचिन को घर पहुंचने पर भाई से पड़ी थी डांट

सचिन ने कहा, 'मैं जैसे ही घर पहुंचा मुझे अपने भाई से डांट सुननी पड़ी। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें मैदान में नहीं होनी चाहिए। वह तुम्हारा साथी खिलाड़ी है, वह भी टीम के लिए खेल रहा है। ये केवल तुम्हारा मैच नहीं है, वह भी तुम्हारे साथ खेल रहा है। मुझे घर में छिपना पड़ा था।'

लक्ष्मण उस मैच में 34 गेंदों में 23 रन पर नाबाद रहे थे और भारत ने 46 ओवर में 250/5 का स्कोर बनाया था और भारत 26 रन से हारने के बावजूद नेट रन रेट के आधार पर फाइनल में पहुंच गया था।

सचिन ने कहा, 'मेरे दिमाग में मैं हमेशा उस मैच को जीतकर एक विजेता टीम के तौर पर फाइनल में पहुंचना था क्योंकि मैं जानता था कि ये एक मानसिक भूमिका निभा सकते हैं। केवल क्वॉलिफाई करने और किसी को हराकर क्वॉलिफाई करने में अंतर है। तो यहां माइंड गेम शुरू होता है और मेरा पहला प्रयास उस गेम को जीतना था लेकिन अगर ये संभव न हो तो दूसरी सोच फाइनल में पहुंचने और फिर उन्हें फाइनल में हराने की थी।'

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