आईसीसी द्वारा जिम्बाब्वे क्रिकेट को अपने संविधान के उल्लंघन के लिए सस्पेंड किए जाने के एक दिन बाद जिम्बाब्वे की खेल मंत्री और दो बार की ओलंपियन क्रिस्टी कोवेंट्री ने अपने मंत्रालय का रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
आईसीसी ने गुरुवार को सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए जिम्बाब्वे क्रिकेट को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था। आईसीसी ने तीन महीने के अंदर जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड की बहाली की मांग की थी। जिम्बाब्वे के निर्वाचित क्रिकेट बोर्ड को जिम्बाब्वे के खेल और मनोरंजन आयोग (SRC) द्वारा जून में बर्खास्त कर दिया गया था।
जिम्बाब्वे की खेल मंत्री ने दिया आईसीसी को जवाब
इस मामले पर अपना रुख रखते हुए जिम्बाब्वे की खेल मंत्री क्रिस्टी कोवेंट्री ने कहा है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट में उनकी सरकार की कोई हस्तक्षेप नहीं है। कोवेंट्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा कि वह राजनीतिक हस्तक्षेप का हवाला देते हुए आईसीसी द्वारा जिम्बाब्वे क्रिकेट को सस्पेंड करने के फैसले से खिलाड़ियों पर पड़ने वाले प्रभाव से निराश हैं।
कोवेंट्री ने अपने ट्वीट में कहा है, 'जिम्बाब्वे के खेल और मनोरंजन आयोग (SRC) की नियुक्ति खेल मंत्रालय द्वारा की गई थी और SRC सरकारी नहीं बल्कि एक सार्वजनिक निकाय है।'
उन्होंने कहा, 'इंटरनेशनल क्रिकेट में सफलता के लिए जिम्बाब्वे क्रिकेट में अच्छे प्रशासन की जरूरत है।'
कोवेंट्री ने कहा कि वह जिम्बाब्वे की महिला और पुरुष टीमों के कप्तानों से मुलाकात करेंगी। आईसीसी के प्रतिबंध का मतलब है कि अब जिम्बाब्वे की टीम आईसीसी इवेंट्स में निर्धारित मैचों में हिस्सा नहीं ले पाएगी।
वहीं जिम्बाब्वे के लिए खेलने वाले पहले अश्वेत क्रिकेटर हेनरी ओलोंगा ने भी खेल मंत्री के बयान का समर्थन करते हुए पिछले क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त करने के फैसले को सही ठहराया।
2003 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के लिए खेलने वाले ओलोंगा ने पिछले पांच सालों से जिम्बाब्वे क्रिकेट को चला रहे आयोग्य लोगों पर आईसीसी द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाते हुए कहा, 'अक्षम लोगों का एक समूह खेल चला रहा था। उनकी इस अक्षमता के बारे में पांच साल से पता था। तब ICC ने कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की?'