टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने शानदार करियर के दौरान दुनिया भर के गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बनाए। लेकिन बाएं हाथ के इस स्टार बल्लेबाज ने खुलासा किया है कि एक ऐसा गेंदबाज था, जिसके खिलाफ खेलने में उन्हें परेशानी हुई।
युवराज ने स्पोर्टस्टार को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके करियर के दौरान श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने उनको सबसे ज्यादा परेशान किया।
मुरलीधन के खिलाफ मैंने संघर्ष किया: युवी
युवराज ने कहा, 'मैंने वास्तव में मुरलीधरन के खिलाफ संघर्ष किया। उनके खिलाफ कुछ समझ नहीं आता था। ग्लेन मैक्ग्रा मुझे बाहर जाती गेंदों से ज्यादा परेशान करते थे। सौभाग्य से मैं उनके खिलाफ टेस्ट मैचों में ज्यादा नहीं खेला। मैं बाहर बैठकर अपने सीनियर बल्लेबाजों के लिए चीयर करता था।'
सचिन की सलाह ने खत्म किया युवी का संघर्ष
युवराज ने इस बात का भी खुलासा किया उन्होंने आखिरकार विश्व स्तरीय श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाज का सामना करना कैसे शुरू किया। युवी ने बताया कि महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की एक सलाह ने मुरलीधरन के खिलाफ उनका भाग्य हमेशा के लिए बदल दिया।
युवी ने कहा, 'सचिन ने मुझसे कहा कि स्वीप (मुरलीधन के खिलाफ) शुरू करो, और मेरे काम लिए आसान हो गया।'
2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप में भारत की जीत के हीरो रहे युवराज ने ये भी खुलासा किया कि उन्हें सौरव गांगुली की कप्तानी में जितना समर्थन मिला, उतना कोहली और धोनी की कप्तानी में नहीं मिला।
युवराज ने कहा, 'मैं सौरव (गांगुली) के नेतृत्व में खेला हूं और मुझे उनसे काफी समर्थन मिला। इसके बाद माही (एमएस धोनी) कप्तान बने। सौरव और माही के बीच चुनाव करना मुश्किल है। मुझे सौरव ने दो समर्थन दिया, उसकी वजह से उनके साथ यादें अधिक हैं। मुझे उस तरह का समर्थन माही और विराट (कोहली) से नहीं मिला।'