2018 में अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़कर अपने इंटरनेशनल करियर की धमाकेदार शुरुआत करने वाले युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को पिछले साल डोपिंग की वजह से आठ महीने का बैन झेलना पड़ा।
पृथ्वी शॉ का ये बैन पिछले साल नवंबर में खत्म हुआ और न्यूजीलैंड दौरे पर खेलने के बाद अब उनकी नजरें आईपीएल में दमदार प्रदर्शन पर थी, लेकिन कोरोना की वजह से सारी खेल गतिविधियों ठप होने से वह घर पर वक्त बिता रहे हैं।
पृथ्वी शॉ ने तोड़ी अपने डोपिंग बैन को लेकर चुप्पी
शॉ ने अपने डोपिंग बैन पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि क्रिकेट से दूर वो 8 महीने का वक्त उनके लिए किसी यातना से कम नहीं था।
पृथ्वी शॉ ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'आप जो खाते हैं उसे लेकर आपको सावधान रहना होगा। यहां तक कि पैरासिटामॉल जैसी साधारण दवा के लिए भी। ये उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए है जो इन चीजों के बारे में अवगत नहीं है। अगर आप एक छोटी सी भी दवा लेते हैं तो आपको इसके लिए अपने डॉक्टर या बीसीसीआई डॉक्टर की इजाजत लेनी चाहिए। बेहतर है कि आप डॉक्टर से प्रतिबंधित पदार्थों के बारे में पूछे लें और एहतियाती कदम उठाएं ताकि आप मुश्किल में न पड़ें।'
शॉ ने बताया कि कैसे एक मिनट की गलती की वजह से वह सस्पेंड हो गए, इस युवा बल्लेबाज ने कहा कि एक कफ सीरप उनके निलंबन की वजह बन गया। उन्होंने क्रिकेट से दूर होने क समय को यातना करार दिया।
शॉ ने कहा, 'जैसे मेरे मामले में, मैंने एक कफ सीरप ली थी, जिसके बारे में मुझे नहीं पता था कि वह एक प्रतिबंधित पदार्थ है। मैंने इससे एक सबक सीखा है और मैं इसे नहीं दोहराऊंगा। अगर मैं एक साधारण दवा भी ले रहा हूं, तो मैं बीसीसीआई डॉक्टर के पा जाकर ये सुनिश्चित करता हूं कि इसमें कोई प्रतिबंधित पदार्थ तो नहीं है। क्रिकेट से दूर का समय मेरे लिए बहुत कठिन था। ये यातना जैसा था। ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए।'