आप 160 ओवरों में जब चाहें नई गेंद ले सकते, पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा-आप चाहें तो 30 ओवर के बाद भी...

आपको उन 160 ओवरों के लिए दो नई गेंदें मिली हैं और आप जब चाहें दूसरी गेंद ले सकते हैं। आप चाहें तो 30 ओवर के बाद नई गेंद ले सकते हैं।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2025 18:18 IST2025-09-03T18:16:34+5:302025-09-03T18:18:14+5:30

test cricket former captain Alastair Cook said take new ball whenever want in 160 overs If you want new ball even after 30 overs | आप 160 ओवरों में जब चाहें नई गेंद ले सकते, पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा-आप चाहें तो 30 ओवर के बाद भी...

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Highlightsमैं टेस्ट क्रिकेट में एक नया नियम जोड़ना चाहूंगा। आप 160 ओवरों में जब चाहें नई गेंद ले सकते हैं।चोटिल होने पर उसकी जगह सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी उतारने का प्रावधान होना चाहिए।

लंदनः इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने सुझाव दिया है कि टेस्ट क्रिकेट में टीमों को 160 ओवर के भीतर किसी भी समय नई गेंद लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, जबकि मौजूदा नियम के अनुसार 80 ओवर के बाद ही नई गेंद लेनी होती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 2018 में संन्यास लेने वाले कुक ने कहा कि इस बदलाव से खेल के सबसे बड़ा प्रारूप अधिक रोमांचक और रणनीतिक हो जाएगा। उन्होंने ‘स्टिक टू क्रिकेट’ पॉडकास्ट के दौरान कहा, ‘‘मैं टेस्ट क्रिकेट में एक नया नियम जोड़ना चाहूंगा। आप 160 ओवरों में जब चाहें नई गेंद ले सकते हैं।

आपको उन 160 ओवरों के लिए दो नई गेंदें मिली हैं और आप जब चाहें दूसरी गेंद ले सकते हैं। आप चाहें तो 30 ओवर के बाद नई गेंद ले सकते हैं।’’ इंग्लैंड के एक अन्य पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने इसी पॉडकास्ट पर कहा कि क्रिकेट में भी अन्य खेलों की तरह किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर उसकी जगह सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी उतारने का प्रावधान होना चाहिए।

उन्होंने हाल में समाप्त हुई भारत-इंग्लैंड श्रृंखला का उदाहरण दिया, जिसमें ऋषभ पंत ने पांव में फ्रैक्चर होने के बावजूद बल्लेबाजी की, जबकि उनकी जगह फील्डिंग करने के लिए उतरे ध्रुव जुरेल ने केवल विकेटकीपिंग की। वॉन ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि मैच की पहली पारी में ऋषभ पंत के हाथ में चोट लग जाती है। वह बल्लेबाजी तो कर सकते हैं, लेकिन विकेटकीपिंग नहीं कर सकते।

मौजूदा नियमों के अनुसार भारत ध्रुव जुरेल जैसे किसी अन्य विकेटकीपर को तब तक नहीं उतार सकता, जब तक कि वह कन्कशन (सिर में चोट लगने पर बेहोशी की स्थिति) का मामला न हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कन्कशन के लिए सब्स्टीट्यूट का प्रावधान है तो फिर चोट लगने पर सब्स्टीट्यूट उतारने का प्रावधान क्यों नहीं है। अन्य खेलों में ऐसा होता है। इससे खेल की आपसी प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है।’’ 
 

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