द्रविड़ और पुजारा की जगह कौन लेगा?, इंग्लैंड में फेल नायर, 11 पारी में 27 की औसत से रन बनाए सुदर्शन?, नंबर-3 पर किसे खिलाएंगे कोच गंभीर

बी साई सुदर्शन ने 11 पारियों में 27 की औसत से दिखा दिया कि अभी भी प्रगति की राह पर हैं। तकनीक से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं विशेष कर उपमहाद्वीप की पिचों पर स्पिन गेंदबाजों के सामने उनकी कमजोरी खुलकर उजागर हो गई है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2025 15:01 IST2025-11-27T14:59:51+5:302025-11-27T15:01:13+5:30

team india Karun Nair failed England Sai Sudarshan scored average 27 in 11 innings coach Gambhir number 3 bet Sarfaraz Khan, Abhimanyu Easwaran, Ruturaj Gaikwad, Rajat Patidar | द्रविड़ और पुजारा की जगह कौन लेगा?, इंग्लैंड में फेल नायर, 11 पारी में 27 की औसत से रन बनाए सुदर्शन?, नंबर-3 पर किसे खिलाएंगे कोच गंभीर

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Highlightsकरुण नायर इंग्लैंड में चार टेस्ट मैच खेलने के बावजूद प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।टेस्ट मैचों के लिए तैयार होने के लिए घरेलू क्रिकेट और भारत ए के साथ समय बिताने की जरूरत है।बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए घरेलू स्तर के कुछ सीनियर खिलाड़ियों के नाम पर गंभीरता से विचार करेगी।

नई दिल्लीः दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला में दोनों मैच में करारी पराजय झेलने के बाद घरेलू स्तर के कुछ विशेषज्ञ खिलाड़ियों को भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिल सकती है क्योंकि अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति बल्लेबाजी क्रम में तीसरे नंबर जैसे महत्वपूर्ण स्थान के प्रति अपने रवैये में बदलाव करने के लिए तैयार है। पिछले तीन दशक में राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों ने नंबर तीन पर अपनी भूमिका बखूबी निभाई थी लेकिन अब यह स्थान दांव पर लगा है। करुण नायर इंग्लैंड में चार टेस्ट मैच खेलने के बावजूद प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।

जबकि बी साई सुदर्शन ने 11 पारियों में 27 की औसत से यह दिखा दिया है कि वह अभी भी प्रगति की राह पर हैं। सुदर्शन के साथ तकनीक से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं विशेष कर उपमहाद्वीप की पिचों पर स्पिन गेंदबाजों के सामने उनकी कमजोरी खुलकर उजागर हो गई है। उन्हें टेस्ट मैचों के लिए तैयार होने के लिए घरेलू क्रिकेट और भारत ए के साथ समय बिताने की जरूरत है।

टेस्ट क्रिकेट ऐसी जगह नहीं है जहां प्राथमिक स्तर की छोटी-छोटी गलतियों को सुधारा जाए और यह खिलाड़ी लगातार गलतियों को दोहरा रहे हैं जिसके कारण बदलाव जरूरी हो गया है। इस बात की प्रबल संभावना है कि चयन समिति अब बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए घरेलू स्तर के कुछ सीनियर खिलाड़ियों के नाम पर गंभीरता से विचार करेगी।

सरफराज खान और अभिमन्यु ईश्वरन के लिए दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अनुभवी तीन खिलाड़ी रुतुराज गायकवाड़, रजत पाटीदार और रिंकू सिंह टीम प्रबंधन का ध्यान अपनी तरफ खींच सकते हैं। लाल गेंद के नए खिलाड़ियों में स्मरण रविचंद्रन (प्रथम श्रेणी औसत 78) और यश राठौड़ (पिछले रणजी सत्र में 960 रन) ने मध्यक्रम में अच्छा प्रदर्शन किया है।

पीटीआई ने इसके बारे में जानकारी रखने वाले एक पूर्व चयनकर्ता से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘लोग अभिमन्यु और सरफराज को नहीं चुनने के लिए अजीत और उनकी समिति को दोषी ठहरा सकते हैं, लेकिन क्या मुख्य कोच (गौतम गंभीर) और नए कप्तान (शुभमन गिल) को उनकी क्षमता पर भरोसा है। अगर नहीं, तो अकेले अजीत क्या करेंगे।’’

लेकिन संभवतः अब समय आ गया है कि एक बार फिर से रणनीति बनाई जाए और ऑलराउंडरों के बजाय विशेषज्ञ खिलाड़ियों पर भरोसा किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘एक बात स्पष्ट कर दूं कि कपिल देव अंतिम विश्वस्तरीय ऑलराउंडर थे और टेस्ट स्तर पर अंतिम सक्षम ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर थे जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में आगाज कर सकते थे।

जहां तक हार्दिक पांड्या का सवाल है तो उनका शरीर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में खेलने की अनुमति नहीं दे रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नितीश रेड्डी टुकड़ों में खेलने वाले खिलाड़ी हैं। वह ज़्यादा से ज़्यादा टी20 खेल सकते हैं, वनडे नहीं और गौतम को यह बात समझने की ज़रूरत है।’’ रेड्डी का 10 टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी औसत 26 है, जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में लगाए गए शतक के कारण है।

उन्होंने 15 पारियों में केवल 86 ओवर गेंदबाजी की है, जो औसतन छह ओवर प्रति पारी भी नहीं है। वर्तमान समय में भारत को नंबर तीन पर एक मजबूत बल्लेबाज की जरूरत है। इसके अलावा उसे नंबर पांच पर भी एक अच्छे रिजर्व बल्लेबाज की जरूरत है। जहां तक नंबर तीन का सवाल है तो रुतुराज गायकवाड इस स्थान के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

उन्होंने अभी तक 43 प्रथम श्रेणी मैच में 45 से अधिक की औसत से रन बनाए हैं। वह इस सत्र में पहले ही दो शतक और रणजी ट्रॉफी में 90 से अधिक की औसत से रन बना चुके हैं। वह तीसरे स्थान के लिए सही मानसिकता वाले खिलाड़ी नजर आते हैं। दूसरा नाम रजत पाटीदार का है, जिनका टेस्ट मैचों में पहला प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका औसत भी 45 से अधिक है और वह भारतीय मध्य क्रम को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। एक और खिलाड़ी रिंकू सिंह है जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 60 की औसत से रन बनाए हैं। दक्षिण अफ्रीका से हारने के बाद भारतीय टेस्ट टीम में काफी बदलाव की संभावना है और यह देखना दिलचस्प होगा की टीम प्रबंधन किन खिलाड़ियों पर अपना भरोसा जताता है।

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