टीम इंडिया के बॉलिंग कोच ने खिलाड़ियों को दी ये राय, कहा- मैच फिटनेस हासिल करने में लगेगा इतना समय

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके बाद से ही भारतीय क्रिकेटर अपने घर तक ही सीमित हैं और प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।

By भाषा | Published: June 06, 2020 7:50 PM

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ठळक मुद्देबॉलिंग कोच भरत अरुण ने कहा कि क्रिकेटरों को दौड़ने और अपने कौशल पर ध्यान लगाने के लिए अपने गृह राज्यों के मैदानों पर ही अभ्यास करना होगा। भरत अरुण ने कहा कि खिलाड़ियों को कम से कम डेढ़ महीना मैच फिटनेस हासिल करने में लगेगा।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलने से पहले बीसीसीआई एक टूर्नामेंट आयोजित करा दे तो अच्छा होगा।

नई दिल्ली।भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण अतंर राज्यीय यात्रा अब भी प्रतिबंधित हैं तो भारतीय क्रिकेटरों को दौड़ने और अपने कौशल पर ध्यान लगाने के लिए अपने गृह राज्यों के मैदानों पर ही अभ्यास करना होगा।

इस स्वास्थ्य संकट की वजह से लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण भारतीय क्रिकेटर अपने घर तक ही सीमित हैं और वे अपनी फिटनेस के लिये महत्वपूर्ण चीज दौड़ने को अपने कार्यक्रम में शामिल नहीं कर पा रहे हैं।

भरत अरुण ने फैनकोड के ‘लॉकडाउन बट नॉट आउट’ में कहा, ‘‘आंशिक रूप से लॉकडाउन हट गया है लेकिन अंतर-राज्यीय यात्रा में समस्या होगी। खिलाड़ियों को अब अपने शहर के उपलब्ध मैदानों को दौड़ने के लिये इस्तेमाल करना होगा और इसके साथ वे कौशल निखारना भी इसमें शामिल कर सकते हैं।’’

अरुण ने कहा कि खिलाड़ियों को कम से कम डेढ़ महीना मैच फिटनेस हासिल करने में लगेगा और उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू करने से पहले बीसीसीआई एक टूर्नामेंट आयोजित करा दे तो अच्छा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए अभी कम से कम छह से आठ हफ्ते लगेंगे, इस दौरान हम पहले कौशल पर काम करेंगे और शिविर में फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा, जिसे बाद हम मैच की परिस्थितियों के अनुसार अभ्यास पर प्रगति करेंगे। उम्मीद करते हैं कि बीसीसीआई हमारे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने से पहले एक टूर्नामेंट आयोजित कर ले जो हमारे लिए शानदार होगा।’’

अरुण ने साथ ही कहा कि लॉकडाउन गेंदबाजों के लिये मामूली चोटों से उबरने और अपनी फिटनेस पर काम करने के लिये अच्छा मौका था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं गेंदबाजों के बारे में चिंतित नहीं हूं, क्योंकि उनके पास पिछले दो महीनों से काफी समय था जिसमें वे अपनी मजबूती और अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे।’’

सत्तावन वर्षीय कोच ने कहा, ‘‘बहुत कम होता है कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को, विशेषकर हमारे गेंदबाजों को अपनी फिटनेस पर काम करने के लिये इस तरह का समय मिले। उनके लिए मामूली चोटों से उबरने का शानदार मौका था।’’

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