टीम को जीत दिलाकर बेटा बना IPL का हीरो, मां आज भी सड़क के किनारे बेच रही है चिकन, जानें वजह

नटराजन की डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में पहचान वर्तमान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यार्कर से लगातार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट किया।

By भाषा | Published: September 30, 2020 6:06 PM

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ठळक मुद्देनटराजन ने अपने माता पिता के लिये घर बनाया, अपनी बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था कीनटराजन ने तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिये प्रेरित किया।

अपनी खूबसूरत यार्कर के कारण क्रिकेट में विशेष छाप छोड़ने वाले टी नटराजन ने अपने परिवार के लिये वह सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाया। नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा कि इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी। 

नटराजन की डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में पहचान वर्तमान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यार्कर से लगातार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट किया। इस दौरान उन्होंने अपने माता पिता के लिये घर बनाया, अपनी बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिये प्रेरित किया। 

यहां तक पहुंचने के लिए नटराजन ने किया है कड़ी मेहनत  

यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया। जयप्रकाश ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं उसके प्रदर्शन से हैरान नहीं हूं क्योंकि उसने कड़ी मेहनत की है। वह काफी परेशानियों से जूझते हुए आगे बढ़ा है। उसने चोट से उबरकर वापसी की और राज्य टीम में जगह बनायी और अब सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। ’’ 

नटराजन को पंजाब ने तीन करोड़ में था खरीदा

नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाये थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में जाकर अपना पहला मैच खेलने का मिला। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ सनराइजर्स की जीत में उन्होंने अपनी भूमिका निभायी। उन्होंने 14वें और 18वें ओवर में कई यार्कर करके बल्लेबाजों को परेशानी में रखा। उन्होंने चार ओवर में 21 रन दिये और आस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस का विकेट लिया। नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे लेकिन इस खिलाड़ी ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले। 

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