'हर कोई शामिल था': सौरव गांगुली ने किया खुलासा कैसे उन्हें भारतीय टीम से किया गया था बाहर

Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खुद को कप्तानी से हटाए जाने और टीम से बाहर किए जाने पर कहा है कि इसमें पूरा सिस्टम शामिल था

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 11, 2020 1:04 PM

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ठळक मुद्देहर कोई मुझे बाहर करने की योजना में शामिल था: सौरव गांगुलीदूसरे लोग भी निर्दोष नहीं हैं, ये पूरे सिस्टम के समर्थन के बिना संभव नहीं था: गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अपने शानदार क्रिकेट करियर के सबसे मुश्किल अध्याय के बारे में बताया है। गांगुली ने कहा 2005 में जब उन्हें भारत की कप्तानी से हटा दिया गया था और फिर टीम से बाहर कर दिया गया था वह उनके करियर का सबसे बड़ा झटका था।

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, गांगुली ने बंगाली न्यूजपेपर संगवाद प्रतिदिन से बातचीत में खुद को कप्तानी से हटाए जाने को 'अन्याय' करार दिया। 

गांगुली ने कहा, 'ये मेरे करियर का सबसे बड़ा झटका था। ये पूरी तरह से अन्याय था। मैं जानता हूं कि आपको हमेशा इंसाफ नहीं मिल सकता है लेकिन फिर भी वैसे व्यवहार से बचा जा सकता था। मैं उस टीम का कप्तान था जिसने तुरंत जिम्बाब्वे में जीत हासिल की थी और घर लौटते हुए मुझे बर्खास्त कर दिया गया?'

मुझे अचानक टीम से बाहर कर दिया गया: गांगुली

गांगुली ने कहा, 'मैंने भारत के लिए 2007 वर्ल्ड कप जीतने का सपना देखा था। हम पिछली बार फाइनल में हार गए थे। ये सपना देखने की मेरे पास वजह थी। टीम मेरी कप्तानी में बहुत अच्छा खेली थी फिर चाहे वह घर में हो या बाहर। फिर आप अचानक मुझे बाहर कर देते हैं? पहले आप कहते हैं मैं वनडे टीम मे नहीं हूं, फिर आप मुझे टेस्ट टीम से भी बाहर कर देते हैं।'  पूर्व भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस सबकी शुरुआत पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल द्वारा उनके खिलाफ बीसीसीआई को भेजे ईमेल से हुई थी, जो लीक हो गया था।

गांगुली ने कहा कि सीरीज जीतने के बावजूद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था (ICC)

मुझे कप्तानी से हटाने में पूरा सिस्टम शामिल था: सौरव गांगुली

गांगुली ने कहा, 'मैं केवल ग्रेग चैपल को दोषी नहीं ठहराना चाहता। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह उनमें से एक थे जिसने इसे शुरू किया। उन्होंने अचानक ही मेरे खिलाफ बोर्ड को एक ईमेल भेजा जो लीक भी हो गया। क्या ऐसा कुछ होता है? एक क्रिकेट टीम एक परिवार की तरह होती है। परिवार में मतभेद, गलतफहमियां हो सकती हैं लेकिन इसे बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। आप कोच हैं, अगर आपको लगा कि मुझे एक निश्चित तरीके से खेलना चाहिए तो मुझे आकर बताइए। जब मैं एक खिलाड़ी के तौर पर लौटा तो उन्होंने वही चीजें निर्दिष्ट कीं, फिर पहले क्यों नहीं कीं?'

बुधवार (8 जुलाई) को अपना 48वां जन्मदिन मनाने वाले गांगुली ने हालांकि अकेले चैपल को दोषी ठहराने से इनकार करते हुए कहा कि भारतीय कप्तान को बर्खास्त करना पूरे सिस्टम के समर्थन के बिना संभव नहीं है। 

गांगुली ने कहा, 'दूसरे लोग भी निर्दोष नहीं हैं। एक विदेशी कोच जिसकी चयन में कोई राय नहीं होती एक भारतीय कप्तान को बाहर नहीं कर सकता। मैं समझ गया था कि ये पूरे सिस्टम के समर्थन के बिना संभव नहीं था। हर कोई मुझे बाहर करने की योजना में शामिल था। लेकिन मैं दबाव में बिखरा नहीं, मैंने खुद पर भरोसा नहीं खोया।'

गांगुली ने कहा कि उन्हें कप्तानी से हटाने में पूरा सिस्टम शामिल था (icc)

गांगुली ने टीम से बाहर होने के बाद 2006 में की थी जोरदार वापसी

भारतीय टीम से 2005 में बाहर होने के बद गांगुली ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका दौरे से भारतीय टीम में वापसी की थी। इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी वापसी के बाद से गांगुली ने ढेरों रन बनाए और अगले दो सालों में कई यादगार पारियां खेलीं। 

उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट खेलने के बाद संन्यास ले लिया। गांगुली ने 311 वनडे में 22 शतकों की मदद से 11363 रन और 131 टेस्ट में 16 शतकों की मदद से 7212 रन बनाए।

सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक गिना जाता है क्योंकि उन्होंने 2000 में मैच फिक्सिंग के बुरे दौर से गुजर रही टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। गांगुली को वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह औऱ जहीर खान जैसे खिलाड़ियों को मौका देने और उनके चैंपियन बनाने का श्रेय जाता है। 

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