गांगुली ने चैपल विवाद पर किए कई खुलासे, कहा- ये लिखते हुए भी ग्रेग पर आ रहा है गुस्सा

गांगुली ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि कई लोगों ने उन्हें और जगमोहन डालमिया को आगाह किया था।

By विनीत कुमार | Updated: February 25, 2018 12:54 IST2018-02-25T12:45:21+5:302018-02-25T12:54:14+5:30

sourav ganguly reveals on greg chappell controversy in autobiography a century is not enough | गांगुली ने चैपल विवाद पर किए कई खुलासे, कहा- ये लिखते हुए भी ग्रेग पर आ रहा है गुस्सा

सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पूर्व कोच ग्रेग चैपल से मनमुटाव पर अपनी किताब में कई अहम खुलासे किए हैं। अपनी आत्मकथा 'ऐ सेंचुरी इज नॉट एनफ' में गांगुली ने लिखा है 2005 उनकी जिंदगी में अब भी सबसे अशांत और बेचैन कर देने वाला साल रहा। गांगुली अपनी इस किताब में इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे उन्होंने तमाम 'चेतावनी' के बाद खुद चैपल को कोच बनाए जाने का सुझाव दिया था और फिर उनके करियर में हलचल मच गई।

गांगुली ने लिखा है, 'साल-2004 में हम लगातार यह चर्चा कर रहे थे कि जॉन राइट के बाद किसे कोच बनाया जाए। अचानाक उनका (ग्रेग चैपल) नाम मेरे दिमाग में आया। मैंने इस बात की चर्चा मिस्टर डालमिया से की। मिस्टर डालमिया ने एक सुबह फोन किया और एक जरूरी चर्चा के लिए घर आने को कहा।'

सुनील गावस्कर सहित ग्रेग चैपल के भाई ने किया था आगाह

गांगुली ने अपनी किताब में यह खुलासा भी किया है चैपल को कोच बनाने के फैसले पर पहुंचने से पहले कई लोगों ने उन्हें और जगमोहन डालमिया को आगाह किया था। गांगुली ने लिखा है, 'कुछ लोगों ने मुझे आगाह किया था। सुनील गावस्कर उनमें से एक थे। गावस्कर ने मुझसे कहा था- सौरव एक बार सोच लो। उनके रहते हुए तुम्हें टीम को साथ लेकर चलने में परेशानी होगी। कोचिंग के बाद का उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है।'

यही नहीं गांगुली ने ये भी खुलासा किया कि ग्रेग चैपल के भाई इयान ने भी डालमिया को आगाह किया था। गांगुली के अनुसार, 'डालमिया ने फोन कर मुझे घर बुलाया और बताया कि उनके भाई इयान भी यही सोचते हैं कि ग्रेग को चुनना भारत के लिए सही फैसला नहीं होगा। मैंने इन सभी चेतावनी को नजरअंदाज किया और अपनी सोच के साथ जाने का फैसला किया। फिर जो हुआ वह इतिहास है।' 

'साल-2005 मेरे लिए सबसे बेचैनी वाला'

गांगुली अपनी किताब में लिखा है, 'साल- 2005 मेरे लिए सबसे बेचैन करने वाला साल रहा। न केवल बिना किसी कारण के अचानक मेरी कप्तानी ले ली गई बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर भी टीम से हटा दिया गया। मैं आज जब इसके बारे में लिख रहा हूं तो भी मुझे गुस्सा आ रहा है। जो भी हुई वो सोच से परे, अक्षम्य और बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करने जैसा है।'

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