जब साल 2002 में भारत ने जीती नेटवेस्ट ट्रॉफी, सौरव गांगुली ने किया ऐतिहासिक पल को याद

गांगुली ने इस मौके पर 2003 विश्व कप और लॉर्ड्स की बालकनी से टी-शर्ट लहराने की यादों को ताजा किया...

By भाषा | Published: July 6, 2020 06:25 AM2020-07-06T06:25:31+5:302020-07-06T06:25:31+5:30

Sourav Ganguly Picks NatWest Trophy Win As One Of The Greatest Moment Of His Captaincy Career | जब साल 2002 में भारत ने जीती नेटवेस्ट ट्रॉफी, सौरव गांगुली ने किया ऐतिहासिक पल को याद

जब साल 2002 में भारत ने जीती नेटवेस्ट ट्रॉफी, सौरव गांगुली ने किया ऐतिहासिक पल को याद

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Highlightsनेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में भारत ने किया था 326 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा। गांगुली ने बताया बेहतरीन क्षण।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टी20 क्रिकेट का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि अगर वह इस दौर में खेल रहे होते तो सबसे छोटे प्रारूप की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खेल में बदलाव करते।

गांगुली ने बीसीसीआई ट्विटर हैंडल के जरिये टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘टी20 बहुत महत्वपूर्ण है। मैं खुद के खेल में इसके लिए बदलाव किया होता। यह आपको खुलकर खेलने की आजादी देता है।’’

देश के लिए खेले 400 से ज्यादा मैच: भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 एकदिवसीय खेलने वाले पूर्व कप्तान उस समय अपने करियर के आखिरी दौर में था जब इस प्रारूप को देश में अपनाया जा रहा था। उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी की और फिर पुणे वॉरियर्स के लिए भी खेले। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे टी20 खेलना पसंद था, हालांकि मैंने आईपीएल के पहले पांच साल खेले है। मुझे लगता है कि मैंने टी20 का लुत्फ उठाया था।’’

जब नेटवेस्ट ट्रॉफी में मिली जीत: भारतीय टीम गांगुली की कप्तानी में विश्व के फाइनल में पहुंची थी, जबकि टीम ने 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में 326 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बेहतरीन क्षण था। हम भावनाओं में बह गये थे, लेकिन खेल में ऐसा होता है। जब आप इस तरह का मैच जीतते हैं, तो आप और भी अधिक जश्न मनाते हैं। यह उन शानदार क्रिकेट मैचों में से एक था जिसका मैं हिस्सा रहा हूं।’’

इस जीत की विश्व कप के फाइनल से तुलना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘दोनों का अपना स्थान है। विश्व कप फाइनल मेरे लिए काफी खास है, हम ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हार गये थे। वे (ऑस्ट्रेलिया) उस पीढ़ी की सर्वश्रेष्ठ टीम थी। विश्व कप के फाइनल में पहुंचना और ऑस्ट्रेलिया को छोड़ कर सभी टीमों को हराना शानदार उपलब्धि थी।’’

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