खुलासा! 'जगमोहन डालमिया ने नहीं की होती मदद तो जल्द खत्म हो जाता शोएब अख्तर का करियर'

Shoaib Akhtar: पूर्व पीसीबी चेयरमैन तौकीर जिया ने खुलासा किया है कि बीसीसीआई और आईसीसी के दिवंगत प्रमुख जगमोहन डालमिया ने शोएब अख्तर का करियर बचाने में मदद

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 17, 2020 11:52 AM

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ठळक मुद्देजगमोहन डालमिया ने शोएब अख्तर मामले में पीसीबी की बहुत मदद की थी: तौकीर जियाशोएब अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट में 178 और 163 वनडे में 247 विकेट लिए

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एक पूर्व चेयरमैन ने खुलासा किया है कि अगर दिवंगत आईसीसी प्रमुख जगमोहन डालमिया ने मदद नहीं की होती तो शोएब अख्तर का करियर 2000 में ही खत्म हो गया होता।

1999 में आईसीसी ने पीसीबी को बताया था कि शोएब अख्तर का गेंदबाजी ऐक्शन संदेह के घेर में है। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया 1997 से 2000 तक आईसीसी प्रमुख रहे थे। 

'डालमिया ने न की होती मदद तो खत्म हो जाता अख्तर का करियर'

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 1999 से 2003 तक पीसीबी प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट (रिटायर्ड) तौकीर जिया ने कहा, 'जगमोहन,जो आईसीसी के अध्यक्ष थे और एक प्रभावशाली आवाज थे, ने शोएब अख्तर के गेंदबाजी ऐक्शन मामले में हमारी बहुत मदद की थी। उन्होंने हमारे लिए स्टैंड लिया था, बावजूद इसके कि आईसीसी के सदस्य जोर देकर कह रहे थे कि अख्तर का गेंदबाजी ऐक्शन अवैध था।'

तौकीर ने कहा, 'लेकिन डालमिया और मेरे द्वारा रखी गई बातों से आखिरकार आईसीसी ये मानने को तैयार हुआ कि अख्तर में जन्म से ही गेंदबाजी वाले हाथ में एक मेडिकल कमी की वजह से ही वह अपनी कोहनी ज्यादा फैलाते हैं और उन्हें खेलने की इजाजत मिल गई।'  आईसीसी से हरी झंडी मिलने के बाद शोएब अख्तर क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज बने और उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर में पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट में 178 और 163 वनडे में 247 विकेट लिए।  

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