सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन खेली थी आखिरी रणजी पारी, अजय जडेजा की टीम के खिलाफ मुंबई को दिलाई थी जीत

Sachin Tendulkar: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन अपनी आखिरी रणजी ट्रॉफी पारी खेलते हुए हरियाणा के खिलाफ मुंबई को दिलाई थी यादगार जीत

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 30, 2018 13:41 IST2018-10-30T13:28:19+5:302018-10-30T13:41:36+5:30

Sachin Tendulkar played his final ranji trophy innings on 30th October 2013 for Mumbai | सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन खेली थी आखिरी रणजी पारी, अजय जडेजा की टीम के खिलाफ मुंबई को दिलाई थी जीत

सचिन ने 30 अक्टूबर 2013 को खेली थी अपनी आखिरी रणजी ट्रॉफी पारी

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन यानी कि 30 अक्टूबर 2013 को अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेला था।  हरियाणा के खिलाफ खेले गए इस मैच में सचिन ने एक बेहतरीन पारी खेलते हुए मुंबई को जीत दिलाई थी।

रोहतक के लाहली स्थिति चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में सचिन ने अपनी आखिरी रणजी पारी में 79 रन की नाबाद पारी खेलते हुए मुंबई को हरियाणा के खिलाफ एक बेहद मुश्किल विकेट पर 4 विकेट से यादगार जीत दिलाते हुए अपने 25 साल लंबे प्रथम श्रेणी करियर का शानदार अंदाज में समापन किया था। 

अपनी आखिरी रणजी पारी में सचिन ने मुंबई को दिलाई थी यादगार जीत

इस मैच में हरियाणा की टीम पहली पारी में 134 रन पर सिमट गई थी, जिसके जवाब में मुंबई की टीम भी पहली पारी में नाकाम रही थी और 136 रन बनाकर आउट हो गई थी। दूसरी पारी में हरियाणा ने 241 रन बनाते हुए मुंबई के सामने जीत के लिए चौथी पारी में 240 रन का लक्ष्य रखा। 

मुंबई के लिए इस लक्ष्य को आसान बनाया अपनी आखिरी रणजी पारी खेलने उतरे सचिन तेंदुलकर ने, जिन्होंने 175 गेंदों में 6 चौकों की मदद से मुश्किल परिस्थितियों में 79 रन की नाबाद पारी खेलते हुए अपनी टीम को 4 विकेट से यादगार जीत दिलाई। 

खास बात ये है कि इस मैच में कभी सचिन के साथ भारतीय टीम में खेल चुके अजय जडेजा ने हरियाणा टीम की कप्तानी की थी। 

रणजी ट्रॉफी में सचिन ने 87 से ज्यादा की औसत से बनाए रन

सचिन ने इंटरनेशनल क्रिकेट की तरह ही रणजी क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने अपना रणजी डेब्यू 14 नवंबर 1987 को मुंबई के गुजरात के खिलाफ किया था और इस मैच में शतक जड़ते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज बन गए थे। 

इंटरनेशनल क्रिकेट की व्यस्तता की वजह से वह ज्यादा रणजी मैच नहीं खेल पाए। वह मुंबई के लिए जिन 38 रणजी मैचों में खेले उनमें से मुंबई को 23 में जीत मिली जबकि वह सिर्फ एक मैच हारी। मुंबई को ये हार 1991 रणजी फाइनल में हरियाणा के हाथों दो रन से हार के रूप में मिली थी।

सचिन ने मुंबई के लिए 38 रणजी ट्रॉफी मैचों की 57 पारियों में 87.36 की औसत से 18 शतकों और 19 अर्धशतकों की मदद से 4281 रन बनाए, जिनमें उनका उच्चतम स्कोर 233* रन रहा है।

सचिन के नाम टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन और शतक के रिकॉर्ड हैं। उन्होंने 200 टेस्ट में 51 शतकों की मदद से 15921 रन बनाए जबकि 463 वनडे में 49 शतकों की मदद से 18426 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 310 मैचों में 25396 रन बनाए, जिनमें 81 शतक और 116 अर्धशतक शामिल हैं।  

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