श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से जीतने के बाद रोहित शर्मा ने पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी करने को लेकर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। रोहित ने सोमवार को ट्वविटर पर लिखा कि पहली बार हाथ में टीम शीट लेकर जाने से अच्छा अहसास और कुछ नहीं हो सकता और किसी भी चीज से इसकी तुलना नहीं की जा सकती है। रोहित ने इस सीरीज के दूसरे वनडे में शानदार दोहरा शतक ठोकते हुए टीम इंडिया को 141 रन से यादगार जीत दिलाई थी। कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित ने बेहतरीन अंदाज में टीम की कप्तानी की और पहला वनडे गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए टीम इंडिया के लिए सीरीज जीती।
रोहित ने साझा किया पहली बार कप्तानी करने का अहसास
रोहित ने पहली बार कप्तानी किए जाने को लेकर अपने अहसास ट्विटर पर साझा किए हैं और लिखा है, 'एक दिन जिसे मैं अपनी पूरी जिंदगी याद रखूंगा। पहली बार टीम शीट हाथ में लेकर जाने का अपना अहसास होता है जिसकी किसी भी चीज से तुलना नहीं की जा सकती है। इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ खेलकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मेरे लिए इससे ज्यादा खुशी नहीं हो सकती है।'
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रोहित ने मिसाल बनकर की कप्तानी
धर्मशाला में जब टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ महज 112 रन पर ऑल आउट होकर 7 विकेट से मैच गंवा बैठी तो सबसे ज्यादा निराश हुए पहली बार टीम की कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा। ये उस टीम की हार थी जिसने महज एक हफ्ते पहले श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती थी। लेकिन रोहित ने हिम्मत नहीं हारी और मोहाली में खेले गए अगले मैच में मिशाल बनकर कप्तानी की और श्रीलंकाई गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाते हुए अपने दम पर टीम इंडिया को 141 रन से जोरदार जीत दिला दी। रोहित ने उस मैच में महज 153 गेंदों में 208 रन की नाबाद पारी खेलते हुए भारत को 392 रन के विशाल स्कोर तक पहुंचाया और अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई।
तीसरे वनडे में रोहित ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और अपने बेहतरीन गेंदबाजी बदलावों से एक समय अच्छी स्थिति में दिख रही श्रीलंका को 215 रन पर समेट दिया। भारत ने ये मैच धवन के 12वें शतक की बदौलत 8 विकेट से जीतते हुए सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।