Highlights2027 तक भारत के लिए ऐसे ही कमाल करते रहे।टीम में उनकी जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए।लगाकर बतला दिया है कि उनका कोई सानी नहीं है।
नई दिल्लीः भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों का अनुभव टीम के लिए काफी मायने रखता है। कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल में समाप्त हुई एकदिवसीय सीरीज में दो शतक और एक अर्धशतक लगाया, जबकि रोहित में दो अर्धशतक जमाकर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। गंभीर ने उम्मीद जताई कि दोनों दिग्गज खिलाड़ी इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेंगे। वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैंने कई बार कहा है कि वे विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं।
वे इस प्रारूप के बेहतरीन खिलाड़ी हैं और ड्रेसिंग रूम में उनका अनुभव वास्तव में बहुत मायने रखता है। वे वही कर रहे हैं जो वे करते रहे हैं। वे भारतीय क्रिकेट के लिए इतने लंबे समय से ऐसा प्रदर्शन करते आ रहे हैं। उम्मीद है कि वे आगे भी इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेंगे। दोनों 2027 तक भारत के लिए ऐसे ही कमाल करते रहे।
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का मानना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा का पिछले कुछ वर्षों में प्रदर्शन को देखते हुए उनके साथ अलग तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए और वनडे टीम में उनकी जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य और मुख्य कोच गौतम गंभीर इस सीनियर जोड़ी के 2027 विश्व कप तक फॉर्म और फिटनेस बरकरार रखने को लेकर भले ही संशय में हो सकते हैं, लेकिन दोनों बल्लेबाजों ने पिछले छह वनडे मैचों में तीन शतक (कोहली के दो) और पांच अर्धशतक (रोहित के तीन) लगाकर बतला दिया है कि उनका कोई सानी नहीं है।
बांगड़ ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टीम में विराट कोहली और रोहित शर्मा की जगह को लेकर सवाल उठाए जाने चाहिए। उनके इतने वर्षों में टीम को दिए गए योगदान पर गौर करना चाहिए।’’ कोहली और रोहित अब केवल वनडे प्रारूप में ही खेलते हैं। भारत पिछले कुछ समय से इस प्रारूप में बहुत कम मैच खेल रहा है और बांगड़ का मानना है कि उन्हें लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे दो प्रारूपों से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए ज़ाहिर है कि उन्हें लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है लेकिन वे ऐसा कई बार कर चुके हैं। उन्हें किसी युवा खिलाड़ी जितने मैच खेलने की ज़रूरत नहीं है।’’ बांगड़ ने कहा, ‘‘एक बार वे जब अपनी लय हासिल कर लेते हैं और पूरी तरह फिट तथा रन बनाने के लिए भूखे हैं तो आप इस तरह के खिलाड़ियों को टीम में चाहते हैं।
आपको उनके साथ अलग तरह से व्यवहार करना होगा और उन्हें अपना नैसर्गिक खेल खेलने की छूट देनी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘‘जब वे लय में होते हैं तो आपको अंतर साफ नजर आता है। उनकी उपस्थिति मात्र से ड्रेसिंग रूम का माहौल बदल जाता है। टेस्ट श्रृंखला में हार के बाद उन्होंने निश्चित तौर पर युवा खिलाड़ियों से बात की होगी।
उन्होंने खिलाड़ियों को पुरानी बातों को पीछे छोड़कर स्वच्छंद होकर खेलने के लिए प्रेरित किया होगा जिससे पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा।’’ जब विराट कोहली ने रांची में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में शतक लगाया, तो दर्शकों में जश्न का माहौल था। टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम की करारी हार देखने के बाद कोहली का शतक दर्शकों के ज़ख्मों पर मरहम की तरह लगा।
लेकिन इन सबके बीच, कैमरों की नज़र रोहित शर्मा पर पड़ी, जो पिछले कुछ महीनों में इसी तरह के उतार-चढ़ाव से गुज़रे हैं। उनके चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन फिर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान कोहली के इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कुछ बोलते और उत्साहित होते दिखाई दे रहे थे।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में जहाँ से छोड़ा था, वहीं से अपनी लय जारी रखी। सिडनी में 168 रनों की साझेदारी की थी। एमएस धोनी के घर में। रोहित और कोहली ने 136 रन बनाए। फिर मुकाबला दूसरे मैच में बदल गया और हमें कोहली का एक और शतक देखने को मिला—यह शतक ज़्यादा संयमित था। रोहित उस दिन कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए।
रोहित ने गेंदबाजों का सामना करने की ज़िम्मेदारी खुद उठाई। उन्होंने 72 रन बनाए। अपने भरोसेमंद साथी कोहली को मैच का अंत करने के लिए टैग किया। इसके बाद 45 गेंदों पर बिना देखे छक्का और 65 रनों की पारी खेलकर भारत ने नौ विकेट से जीत हासिल की, और कोहली को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार मिला।
लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह थी कि कैसे रोहित और कोहली एक बार फिर एक-दूसरे पर दबाव बनाते दिखे। ऐसा लग रहा था जैसे रॉकी की कोई फिल्म चल रही हो। हमने हमेशा रोहित को ज़्यादा शांतचित्त देखा है, जबकि कोहली हमेशा से ही एकाग्र रहे हैं। कोहली और रोहित कभी भी नई पीढ़ी के खिलाड़ियों की तरह साथ-साथ नहीं देखे गए हैं।
कोहली लंदन में और रोहित मुंबई में रहे। इतनी दूरी के बावजूद ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पर चर्चा करने के लिए एक-दो ज़ूम कॉल की होगी। रोहित ने कई किलो वज़न कम किए। कोहली को कभी भी फिटनेस की समस्या नहीं रही और वे हमेशा मैच के लिए तैयार दिखते हैं। भले ही उन्हें बिस्तर से उठकर बल्लेबाज़ी करने के लिए कहा जाए।
दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ के दौरान इसके संकेत साफ़ दिखाई देने लगे, जब कोहली ने मज़े के लिए छक्के जड़ने शुरू कर दिए। रोहित की फिटनेस अपने चरम पर रही। पूरी लंबाई की डाइव लगाते हुए बाउंड्री बचाते हुए और तेज़ कैच लेते हुए। शायद सोने पे सुहागा यह था कि सीरीज़ जीतने के बाद रोहित ने केक को ठुकरा दिया।
तो आंकड़े मायने रखते हैं। रोहित और कोहली के लिए ऐसा लगता है कि उन्होंने समय को पीछे मोड़ दिया है और एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजी के स्तंभ बन गए हैं। वे इस साल भारत के लिए वनडे में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। कोहली के नाम 651 रन हैं। रोहित के नाम 650 हैं। श्रेयस अय्यर के नाम 496 रन हैं। कोहली का औसत 65.10 है, रोहित का औसत 50 है।
उनका स्ट्राइक रेट 95 से ऊपर है, जिसमें रोहित का 100.46 है। दोनों ने इस साल चार अर्धशतक लगाए हैं, जबकि कोहली शतकों में सबसे आगे हैं। रोहित के 2 और कोहली के 3 हैं। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से दोनों प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ पुरस्कारों में 1-1 की बराबरी पर हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा मैच खेलने वाली जोड़ी भी बन गए।