नई दिल्ली, 01 जुलाई: टीम इंडिया के कोच और पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को एक बार सही समय पर आने का पाठ पढ़ाया था। शास्त्री ने बात गौरव कपूर के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में की।
शास्त्री ने उस घटना को याद करते हुए कहा कि 2007 में जब बांग्लादेश दौरे के लिए वह टीम इंडिया मैनेजमेंट से जुड़े तो उन्होंने सौरव गांगुली को समय की पाबंदी का पाठ सिखाया था।
शास्त्री ने कहा, मैं समय का पाबंद होने में गर्व महसूस करता हूं। ये बहुत बढ़िया गुण है। हमारी टीम में समय की पाबंदी सबसे सर्वोपरि है। बस अगर नौ बजे छूटती है तो ये नौ बजे ही छूटेगी। सिर्फ एक मुझे 2007 में बांग्लादेश में बस को जल्दी ले जाना पड़ा था। चिटगांव में हमें नौ बजे जाना, और नौ बज गया था। मैंने कहा, 'चलो।' स्थानीय मैनेजर्स और सबने कहा, 'दादा नहीं आया।' मैंने कहा, 'दादा आएगा गाड़ी में, चलो।'
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शास्त्री ने कहा, 'उसके बाद से हम जब भी प्रैक्टिस सेशन के लिए गए, सौरव हमेशा 10 मिनट पहले पहुंच जाते थे। समय की पाबंदी एक टीम के लिए बहुत जरूरी है।'
शास्त्री ने कहा कि ये भारतीय क्रिकेट के इतिहास में शायद पहली बार था जब किसी टीम मैनेजर ने एक पूर्व कप्तान को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह देर से आया था।
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सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के रिश्ते हमेशा काफी तल्ख रहे हैं। 2016 में अनिल कुंबले को टीम इंडिया के कोच चुने जाने के बाद रवि शास्त्री ने सौरव गांगुली पर उनकी अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया था। उस समय गांगुली कोच चुनने वाली क्रिकेट अडवायजरी कमिटी के सदस्य थे।
हालांकि 2017 में दोबार कोच के चुनाव में रवि शास्त्री ने बाजी मार ली और उन्हें कोच चुना गया, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक गांगुली इसके पक्ष में नहीं थे लेकिन शास्त्री को विराट कोहली और सचिन का समर्थन प्राप्त था।