रणजी ट्रॉफी फाइनल: दिल्ली को हराकर विदर्भ ने रचा इतिहास, पहली बार बना चैम्पियन

विदर्भ के लिए दिल्ली की पहली पारी में रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक सहित छह विकेट लिए। आदित्य ठाकरे को दो सफलता हासिल हुई।

By विनीत कुमार | Published: January 1, 2018 05:41 PM2018-01-01T17:41:14+5:302018-01-01T17:50:37+5:30

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रणजी ट्रॉफी फाइनल

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अक्षय वाडकर (133 रन) के तीसरे दिन शतक और फिर चौथे दिन अक्षय वखाड़े (95/4) सहित आदित्य सरवाटे (30/3) की घातक गेंदबाजी की बदौलत विदर्भ ने सात बार के चैम्पियन दिल्ली को फाइनल में हराकर रणजी ट्रॉफी जीत लिया है। विदर्भ पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था। दिल्ली के दूसरी पारी में 280 रनों पर आउट होने के बाद विदर्भ को केवल 29 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे टीम ने केवल एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। 

तीसरे दिन के सात विकेट पर 528 रनों से आगे खेलने उतरी विदर्भ की टीम को चौथे दिन सोमवार को पहला झटका सिद्देश नेराल (74) के तौर पर लगा। इसके ठीक बाद अगले ही ओवर में वाडकर भी कल के निजी स्कोर में बिना कोई रन जोड़े आउट हो गए। विदर्भ के आखिरी बल्लेबाज के तौर पर आदित्य ठाकरे आउट हुए। 

हालांकि, इस समय तक विदर्भ की टीम के पास 252 रनों की बढ़त मिल चुकी थी। इसके बाद मोर्चा विदर्भ के गेंदबाजों ने संभाला और दिल्ली को केवल 280 पर समेट दिया। 

ध्रुव शोरे और नीतीश राणा ने किया संघर्ष

दिल्ली की शुरुआत खराब रही और पहले दो विकेट केवल 50 रनों पर गिर गए। गौतम गंभीर 36 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद पहली पारी में शतक लगाने वाले ध्रुव शोरे (62) और नीतीश राणा (64) के बीच 114 रनों की साझेदारी ने दिल्ली को संभाला। हालांकि, इसके बाद कोई और बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल सका। कप्तान ऋषभ पंत ने 32 और विकाश मिश्रा ने 34 रन बनाकर जरूर कुछ संघर्ष दिखाया।

गौतरलब है कि दिल्ली ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 295 रन बनाए थे। जिसके जवाब में विदर्भ ने 547 रन बनाए थे।

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