भारतीय महिला क्रिकेट टीम का विवाद खत्म बढ़ता ही जा रहा है और अब इससे टीम के कोच रमेश पवार को बड़ा नुकसान हो सकता है। मिताली राज के साथ हुए विवाद के बाद बीसीसीआई रमेश पवार का कार्यकाल नहीं बढ़ाएगी, जो 30 नवंबर को खत्म हो रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले कहा है कि बोर्ड रमेश पवार के कॉन्ट्रैक्ट को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है और यह फैसला मिताली राज के साथ हुए विवाद के बाद लिया गया है।
रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि रमेश पवार के पास बीसीसीआई के एक ताकतवर अधिकारी का फोन आया था, जिन्होंने मिताली राज को सेमीफाइनल से बाहर रखने के लिए कहा था। बोर्ड ने पवार का अनुबंध इस बात के कारण भी रद्द करने का फैसला किया कि उन्होंने बाहरी दबाव के कारण कोच की असली भूमिका नहीं निभाई।
वेस्टइंडीज के भारत लौटने के बाद रमेश पवार जब बोर्ड के अधिकारियों से मिले तब तो इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि मिताली को ओपनर बल्लेबाज की जगह मिडल ऑर्डर में क्यों खिलाया गया। इसके अलावा इस बात का भी जवाब नहीं दे पाए कि मिताली को सेमीफाइनल मैच में क्यों बाहर किया गया।
बोर्ड ने साफ किया है कि रमेश पवार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मिताली राज से बात करनी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं किया। बोर्ड अधिकारी ने कहा कि मिताली को टीम से बाहर करने से पहले पवार को उनसे बात करनी चाहिए थी।
टीओआई ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि मिताली के साथ रमेश पवार के विवाद के बाद बतौर कोच उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।