विदर्भ के तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने शनिवार को रणजी ट्रॉफी फाइनल में दिल्ली के खिलाफ हैट-ट्रिक लेते हुए एक नया इतिहास रच दिया। गुरबानी रणजी फाइनल में हैट-ट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं। इससे पहले 1972-1973 में बॉम्बे के खिलाफ तमिलनाडु के लिए बी कल्याणसुंदरम ने ये कारनाम किया था।
रणजी ट्रॉफी फाइनल के दूसरे दिन गुरबानी ने अपने 23वें ओवर में विकास मिश्रा और नवदीप सैनी को बोल्ड किया और फिर 24वें ओवर की पहली गेंद पर शतक जड़ने वाले ध्रुव शोरे को बोल्ड करते हुए अपनी हैट-ट्रिक पूरी कर ली। इसके बाद गुरबानी ने कुलवंत खेजरोलिया को क्लीन बोल्ड करते हुए दिल्ली की पारी का अंत कर दिया।
इस रणजी सीजन की दूसरी हैट-ट्रिक
ये इस रणजी सीजन की दूसरी हैट-ट्रिक है। इससे पहले क्वॉर्टर फाइनल मुकाबलों में कर्नाटक के तेज गेंदबाज विनय कुमार ने मुंबई के खिलाफ हैट-ट्रिक ली थी। संयोग की बात ये कि गुरबानी की ही तरह विनय कुमार ने भी दो ओवरों में हैट-ट्रिक ली।
विदर्भ के लिए हैट-ट्रिक लेने वाले तीसरे गेंदबाज बने रजनीश गुरबानी
रजनीश गुरबानी विदर्भ की तरफ से हैट-ट्रिक लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए। उनसे पहले प्रीतम गांधे ने दो बार (1999, 2008) हैट-ट्रिक ली थी, जबकि 2015-16 में उमेश यादव विदर्भ के लिए हैट-ट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने थे।
59 रन देकर 6 विकेट झटकते हुए गुरबानी ने पहले दिन 6 विकेट पर 271 रन बना चुकी दिल्ली की टीम को पहली पारी में महज 295 रन पर समेट दिया। गुरबानी ने मैच के पहले दिन दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत और हिम्मत सिंह को आउट किया था। गुरबानी ने इससे पहले सेमीफाइनल में भी कमाल की गेंदबाजी करते हुए कर्नाटक के खिलाफ 12 विकेट झटके थे जिनमें से 7 विकेट तो दूसरी पारी में ही लिए गए थे। दिल्ली की टीम सात बार रणजी ट्रॉफी जीत चुकी है जबकि विदर्भ की टीम पहली बार रणजी के फाइनल में पहुंची है।
दिल्ली के लिए धुव्र शोरे ने सबसे अधिक 145 और हिम्मत सिंह ने 66 रन की पारी खेली। दिल्ली ने एक समय अपने 4 विकेट 99 रन पर गंवा दिए थे। लेकिन इसके बाद ध्रुव शोरे और हिम्मत ने पांचवें विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी करते हुए दिल्ली को मुश्किल से निकाला। दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत (21) और गौतम गंभीर (15) फ्लॉप रहे।