हरमनप्रीत कौर से रेलवे ने मांगा 27 लाख रुपये का हर्जाना, DSP बनने का सपना अधर में

डीएसपी पद जॉइन करने से पहले हरमनप्रीत कौर को रेलवे से लगा है बड़ा झटका

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: January 20, 2018 12:56 IST2018-01-20T12:52:32+5:302018-01-20T12:56:18+5:30

Railway demands 27 lakhs to Harmanpreet Kaur, DSP job switch denied | हरमनप्रीत कौर से रेलवे ने मांगा 27 लाख रुपये का हर्जाना, DSP बनने का सपना अधर में

हरमनप्रीत कौर

आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2017 से स्टार बनकर उभरीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान हरमनप्रीत कौर पर पिछले साल उनके दमदार प्रदर्शन के बाद पुरस्कारों की बारिश हुई थी। लेकिन महज कुछ ही महीने बाद उनके सामने रेलवे ने 27 लाख रुपये चुकाने की शर्त रख दी है। दरअसल वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद हरमनप्रीत कौर को पंजाब सरकार ने डीएसपी का पद ऑफर किया था। हरमनप्रीत कौर ने वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की मैच जिताऊ पारी खेलते हुए सुर्खियां बटोरी थीं।

लेकिन पहले से ही रेलवे की कर्मचारी रही हरमनप्रीत कौर ये पद जॉइन नहीं कर पाईं। इसकी वजह है रेलवे का साथ उनका वह करार जिसके तहत खिलाड़ी को पांच साल से पहले नौकरी छोड़ने पर पांच साल की सैलरी चुकानी पड़ती है। साथ ही हरनप्रीत कौर का ये भी कहना है कि उन्हें रेलवे से पांच महीने की सैलरी भी नहीं मिली है।

हरमनप्रीत कौर तीन साल तक रेलवे की नौकरी कर चुकी हैं लेकिन रेलवे के पांच साल के बॉन्ड वाले नियम के मुताबिक उन्हें अगर अभी ये नौकरी छोड़नी है तो रेलवे को पांच साल की सैलरी चुकानी होगी जो 27 लाख रुपये बैठती है। 

हरमनप्रीत कौर ने तीन साल पहले खेल कोटा के तहत पश्चिम रेलवे में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट के पद पर नौकरी मिली थी तब उन्हें रेलवे के साथ पांच साल का बॉन्ड साइन किया था। अब वह रेलवे की नौकरी की छोड़कर पंजाब पुलिस में डीएसपी पद जॉइन करना चाहती हैं। पिछले साल अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में जब वह डीएसपी पद जॉइन करने पहुंची तो उन्हें बताया गया कि वह ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि रेलवे ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। 

हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को खत लिखकर हरमनप्रीत का इस्तीफा स्वीकार करने का निवेदन किया है। रेलवे का कहना है कि जो लोग खेल कोटे से जॉइन करते हैं उन्हें पांच साल का बॉन्ड पूरा करना होता है और इस बॉन्ड को तोड़ने पर उन्हें पांच साल की सैलरी जमा करवानी होती है। 

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