राजकोट, 3 अक्टूबर: पृथ्वी शॉ ने बुधवार को कहा कि कप्तान विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके पदार्पण से घंटों पहले उनके साथ उनकी मातृभाषा मराठी में बात करने का प्रयास करके उन्हें सहज करने की कोशिश की।
वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला के पहले टेस्ट में 18 साल के पृथ्वी को मयंक अग्रवाल पर तरजीह दी गई है। पृथ्वी को इससे पहले इंग्लैंड दौरे के अंतिम दो टेस्ट के लिए भी भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट गुरुवार से यहां खेला जाएगा।
पृथ्वी ने ‘बीसीसीआई.टीवी’ से कहा, 'मुझे लगता है कि मैदान के बाहर वह काफी मजाकिया व्यक्ति है। मैदान पर हम सभी को पता है कि वह कितना कड़ा है। मैंने उससे बात की और उसने कुछ चुटकुले सुनाए, उसने मराठी में बात करने की कोशिश की जो काफी मजाकिया था।'
घरेलू सर्किट में पृथ्वी ने रणजी और दलीप ट्राफी में पदार्पण मैचों में शतक जमाए। पृथ्वी की अगुआई में भारतीय अंडर 19 टीम ने विश्व कप भी जीता। उन्होंने कहा, 'मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं, थोड़ा नर्वस हूं लेकिन जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया तो विराट भाई और रवि सर ने कहा कि यहां कोई सीनियर और जूनियर नहीं है और इससे काफी अच्छा लगा।'
पृथ्वी ने कहा, 'मैं काफी सहज था और सभी ड्रेसिंग रूम में मुझे देखकर खुश थे। हमने अपना पहला अभ्यास सत्र खत्म किया जो काफी अच्छा रहा। मैंने अपने पहले दिन का पूरा लुत्फ उठाया।'
इस बल्लेबाज ने कहा, 'उसने (कोहली) मेरी मदद की और मुझे सहज महसूस कराया। नेट्स पर जाते हुए मेरी कोई योजना नहीं थी। मैं नेट्स पर बल्लेबाजी करते हुए आउट नहीं होना चाहता था। मैंने संजय बांगड़ के साथ थ्रोडाउन सत्र में हिस्सा लिया। अभ्यास में सब कुछ काफी अच्छा रहा।'
उन्होंने कहा, 'रवि सर ने मुझे खेल का लुत्फ उठाने को कहा, उन्होंने कहा कि उस तरह खेलो जैसे रणजी ट्राफी में खेलते हो और इतने वर्षों से जिस तरह तुम खेल रहे हो। टेस्ट मैच में पदार्पण करना शानदार अहसास है।'