सचिन के कोच रमाकांत आचरेकर की 'राजकीय सम्मान' के साथ नहीं हो सकी अंत्येष्टि, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने मांगी माफी

Ramakant Achrekar: रमाकांत आचरेकर की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि नहीं हो सकी, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने संवादहीनता की बात कहते हुए मांगी माफी

By भाषा | Published: January 3, 2019 07:07 PM2019-01-03T19:07:12+5:302019-01-03T19:08:50+5:30

NO state funeral for Ramakant Achrekar, Maharashtra minister calls it Communication gap, says sorry | सचिन के कोच रमाकांत आचरेकर की 'राजकीय सम्मान' के साथ नहीं हो सकी अंत्येष्टि, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने मांगी माफी

सचिन ने अपने कोच रमाकांत आचरेकर को दिया कंधा (Twitter/CricketopiaCom)

googleNewsNext

मुंबई, 03 जनवरी: महाराष्ट्र के एक सीनियर मंत्री ने कहा कि सरकारी स्तर पर 'संवादहीनता' के कारण सचिन तेंदुलकर के पहले कोच रमाकांत आचरेकर की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि नहीं हो सकी। 

आवास मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिया जाना 'दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण' है। उन्होंने कहा, 'यह किसी की गलती और संवादहीनता के कारण हुआ। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मैं माफी मांगता हूं। यह काफी दुखद है। मैं देखूंगा कि क्या हुआ था।' 

मुंबई भाजपा के पूर्व प्रमुख मेहता ने कहा कि वह इस मसले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से बात करेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे सुबह ही मंत्रालय से संदेश मिला कि मुझे अंतिम संस्कार में शामिल होना है।' 

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें प्रोटोकाल विभाग ने बताया नहीं था कि राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना है। आम तौर पर आम प्रशासन विभाग इसके लिये फाइल भेजता है और मुख्यमंत्री मंजूरी देते हैं। इस मामले में एक फोन तक नहीं आया।' 


प्रोटोकाल विभाग के प्रभारी जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे ने कहा कि वह मुंबई से बाहर हैं। उन्होंने कहा, 'आम तौर पर किसी को राजकीय सम्मान देने का फैसला सीएमओ करता है।' 

उन्होंने कहा, 'अगर मैं होता तो इस मसले को रखता और यह सुनिश्चित करता कि आचरेकर सर की विदाई राजकीय सम्मान के साथ हो।' 

इस साल फरवरी में श्रीदेवी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किये जाने पर पैदा हुए विवाद के बाद आम प्रशासन विभाग ने कहा था कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि को मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है और मृतक को कोई राष्ट्रीय सम्मान या पद्म सम्मान मिला होने का इससे कोई सरोकार नहीं है। 

Open in app