टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। 27 सितंबर 1981 को जन्मे बालाजी बहुत तेजी से भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज बनकर उभरे थे लेकिन लगातार चोटों की वजह से उन्हें जल्द ही संन्यास लेना पड़ा। उन्होंने भारत के लिए 8 टेस्ट, 30 वनडे और 5 टी20 मैच खेले।
बालाजी ने अपना वनडे डेब्यू नवंबर 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था, लेकिन वह कतई यादगार नहीं रहा और क्रिस गेल और वेबेल हाइंड्स ने उनके 4 ओवरों में 44 रन ठोक डाले और उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला।
शोएब अख्तर की गेंद पर जड़ा था छक्का
बालाजी ने 2004 के पाकिस्तानी दौरे पर अपने दमदार प्रदर्शन और मुस्कान से पड़ोसी देश में तहलका मचा दिया था।
बालाजी को 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर लाहौर में खेले गए वनडे सीरीज के आखिरी मैच में शोएब अख्तर के खिलाफ लगाए गए उनके छक्के लिए याद किया जाता है।
इस मैच में पारी के आखिरी ओवर में बालाजी ने अख्तर की गेंद पर छक्का जड़ा, लेकिन अगली गेंद को हिट करने की कोशिश में उनका बैट टूट गया। भारत ने ये मैच 40 रन से जीता था।
परवेज मुशर्रफ ने की थी बालाजी की बैटिंग की तारीफ
2004 के दौरे पर बालाजी के दमदार प्रदर्शन के मुरीद तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी हो गए थे और उन्होंने गेंदबाजी से ज्यादा बालाजी की बैटिंग की तारीफ की थी।
आईपीएल में तीन टीमों के लिए खेले बालाजी
बालाजी ने आईपीएल के पहले सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए किंग्स इलेवन पंजाब के लिए हैट-ट्रिक ली और वह ये उपलब्धि हासिल करने वाले पहले गेंदबाज बन गए।
बालाजी ने धीरे-धीरे खुद को टी20 गेंदबाज के रूप में विकसित किया और वह आईपीएल में तीन टीमों चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके), कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेले।
चेन्नई के लिए आईपीएल में झटकी हैट-ट्रिक
बालाजी ने 2003 से 2005 के बीच अपने 8 टेस्ट में 27 विकेट झटके, जबकि 2002 से 2009 के बीच खेले अपने 30 वनडे में उन्होंने 34 विकेट लिए।
उन्होंने 35 साल की उम्र में 2016 में प्रथम श्रेणी और लिस्ट-ए क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने 106 प्रथम श्रेणी मैचों में 330 विकेट झटके जबकि 100 लिस्ट-ए मैचों में 145 विकेट लिए।