Akash Deep India vs England Score: सासाराम से दिल्ली वाया बंगाल, रांची में डेब्यू, जानें आकाशदीप की कहानी

who is Akash Deep India vs England Live Score updates, 4th Test Day 1: पहली बार भारत की जर्सी पहनते हुए देखने के लिए मां के साथ आकाश दीप को डेब्यू टेस्ट कैप किसी और ने नहीं बल्कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सौंपी।

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 23, 2024 12:46 PM2024-02-23T12:46:08+5:302024-02-23T12:50:00+5:30

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Highlightsभारत-ए में द्रविड़ की कोचिंग में खेल चुके हैं। रांची की दूरी सासाराम से लगभग 200 किलोमीटर है।रांची में अपना बहुप्रतीक्षित डेब्यू किया।

who is Akash Deep India vs England Live Score updates, 4th Test Day 1: भारतीय टीम में एक और चमकता सितारा ने आज डेब्यू किया। तेज गेंदबाज आकाश दीप ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के साथ शानदार प्रदर्शन किया। बिहार में सासाराम के रहने वाले 27 वर्ष के आकाश दीप बंगाल के लिये घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। सासाराम मे दिल्ली पहुंचे। टीम में जगह नहीं मिली तो बंगाल के लिए खेलने लगे। भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट आकाश दीप के लिए जीवन बदलने वाला साबित हुआ। रांची में अपना बहुप्रतीक्षित डेब्यू किया। रांची की दूरी सासाराम से लगभग 200 किलोमीटर है। पहली बार भारत की जर्सी पहनते हुए देखने के लिए अपनी मां के साथ आकाश दीप को डेब्यू टेस्ट कैप किसी और ने नहीं बल्कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सौंपी। भारत-ए में द्रविड़ की कोचिंग में खेल चुके हैं।

तेज गेंदबाज के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था, जिसे कुछ साल पहले गुजारा करने के लिए क्रिकेट छोड़ना पड़ा था। बिहार के सासाराम के रहने वाले आकाश दीप को लंबे समय से क्रिकेट खेलने का बेहद शौक था, लेकिन उनके पिता उन्हें हतोत्साहित करते थे। अपने पिता से अपेक्षित समर्थन न मिलने के बावजूद आकाश नौकरी खोजने के बहाने दुर्गापुर चला गया।

अंततः चाचा ने उसका समर्थन किया। वह एक स्थानीय अकादमी में शामिल हो गए, जहां उन्होंने अपनी गति से कई लोगों को प्रभावित करना शुरू कर दिया। लेकिन, इससे पहले कि आकाश अपनी प्रतिभा को कुछ बड़ा कर पाते, उनके पिता को दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। पिता की मृत्यु के दो महीने बाद आकाश के बड़े भाई की भी मृत्यु हो गई।

इस स्थिति ने आकाश के परिवार में एक बड़ा संकट पैदा कर दिया, घर में पैसे भी नहीं थे। अपनी मां की देखभाल के लिए आकाश को तीन साल के लिए क्रिकेट खेलना बंद करना पड़ा और घर चलाने के लिए पैसे कमाने पड़े। आकाश ने अपने जीवन की दिशा बदलने की कोशिश की, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका प्यार उन्हें अधिक समय तक खेल से दूर नहीं रख सका।

वह दुर्गापुर लौट आए और फिर अंततः कोलकाता चले गए, जहां वह पहले अपने चचेरे भाई के साथ एक छोटे से किराए के कमरे में रहने लगे। इसके बाद आकाश बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल हो गए और 2019 में पदार्पण किया। इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर आई, जिसने आईपीएल 2022 सीज़न से पहले उन्हें साइन किया।

23 फरवरी, 2024 को आकाश दीप टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए खेलने वाले 313वें खिलाड़ी बने। एक दोस्त की मदद से उन्हें पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी।

आकाशदीप ने कहा,‘‘मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे। इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था।’’

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में गए चुने तेज गेंदबाज आकाशदीप ने कहा कि उन्हें इतनी जल्दी राष्ट्रीय टीम में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी। पिछले सत्र में बंगाल और भारत ए की तरफ से लाल गेंद की क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आकाशदीप ने कहा,‘‘मुझे उम्मीद थी कि अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखता हूं तो मुझे निकट भविष्य में टेस्ट टीम में चुन लिया जाएगा लेकिन मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी कि तीसरे मैच में ही मुझे राष्ट्रीय टीम में जगह मिल जाएगी।’’

इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने दुर्गापुर में टेनिस बॉल क्रिकेट से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। वह बिहार के रहने वाले हैं जहां एक समय क्रिकेट को करियर के रूप में नहीं देखा जाता था। उन्होंने कहा,‘‘बिहार में तब (भारतीय क्रिकेट बोर्ड से निलंबित होने के कारण) क्रिकेट के लिए कोई उचित मंच नहीं था विशेष कर सासाराम में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था।

कितने ही माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश से दूर रहो। वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे।’’ आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में भाग लेने के लिए कहते थे। उन्होंने कहा,‘‘मेरे पिताजी मुझे बिहार पुलिस कांस्टेबल या राज्य सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की परीक्षा देने के लिए कहते थे।

वह उन सरकारी नौकरी के आवेदन पत्र भरते थे और मैं परीक्षा देने जाता था और खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाता था। आकाश ने इस बीच 6 महीने के अंदर अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया, जिससे सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। मेरे पास अब खोने के लिए कुछ नहीं था। यही प्रेरणा थी कि मुझे कुछ करना है क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी लेनी है।

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