Highlightsधोनी पिछले साल वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेले हैं, संयोग से तभी से कुलदीप की फॉर्म में गिरावट आई हैकुलदीप ने हालांकि इस बात से इनकार करते हुए कहा, 'मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं'
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली पिछले साल जुलाई में भारतीय टीम के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हारकर बाहर होने के बाद से ही मैदार से दूर हैं। बैटिंग विभाग में भले ही टीम इंडिया को माही की उतनी कमी नहीं खली है, लेकिन स्टंप्स के पीछे से दिए जाने वाले उनके कीमती इनपुट्स को गेंदबाजों, खासतौर पर कुलदीप यादव जैसे स्पिनरों ने इस दौरान काफी मिस किया है।
धोनी की गैरमौजूदगी और कुलदीप की फॉर्म में गिरावट दोनों एक साथ हुए हैं, हालांकि इस लेग स्पिनर ने कहा है कि वह सफलता के लिए धोनी पर निर्भर नहीं थे।
बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर इंटरनेशनल क्रिकेट में एक दुर्लभ प्रतिभा हैं और कुलदीप को इसीलिए भारत के लिए सफेद गेंद क्रिकेट में एक्स-फैक्टर माना गया था। हालांकि, पिछले साल 50 ओवर वर्ल्ड कप के बाद से कुलदीप के लिए चीजें सही नहीं रही हैं और इस दौरान प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह भी हमेशा खतरे में रही है।
मुझे किसी को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं: कुलदीप
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलदीप ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'सिर्फ इसलिए की माही भाई वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेले हैं, मुझे किसी को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है। मुझे ये कहने की जरूरत नहीं है कि मैं उन पर निर्भर था। और मैं अपनी कला को बेहतर करने की दिशा में काम कर सकता हूं जैसा कि मैंने कहा कि ये टीम वर्क है।'
इस 25 वर्षीय स्पिनर ने माना कि विकेटों के पीछे माही की मौजूदगी से उन्हें हमेशा मदद मिली क्योंकि वह बल्लेबाज के खेलने के स्टाइल के बारे में जानकारी साझा करते थे। कुलदीप ने साथ ही जोर देकर कहा कि क्रिकेट एक टीम खेल है जहां हर खिलाड़ी का टीम के लिए योगदान उतना ही महत्वपूर्ण होता है।
माही भाई ने हमेशा किया मेरा मार्गदर्शन: कुलदीप
वनडे में दो हैट-ट्रिक लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज कुलदीप ने कहा, 'बिल्कुल। माही भाई ने हमेशा मार्गदर्शन किया है, क्योंकि विकेटकीपर हमेशा ही गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ जज होता है। माही भाई जैसे अनुभवी व्यक्ति को पता होता है कि बल्लेबाज कैसे खेलता है। ये सब टीम वर्क है।'
कुलदीप ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में किया था और पहले ही मैच में चार विकेट लेते हुए शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया था। इसके बाद से वह 6 टेस्ट, 60 वनडे और 21 टी20 इंटरनेशनल मैचों में क्रमश: 24, 104 और 39 विकेट लिए हैं।