जोफ्रा आर्चर ने किया अपने चोट से जुड़े बुरे दौर को याद, कहा, 'डॉक्टरों को लगा था मैं कभी क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा'

Jofra Archer: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने कहा कि जब चोट की वजह से उन्हें दो साल क्रिकेट से दूर रहना पड़ा तो उन्हें लगा कि उनका करियर खत्म हो जाएगा

By भाषा | Updated: May 13, 2020 13:02 IST2020-05-13T13:02:16+5:302020-05-13T13:02:16+5:30

Jofra Archer Opens Up On His chronic back injury as a teenager, Labels It As 'Dark Times' | जोफ्रा आर्चर ने किया अपने चोट से जुड़े बुरे दौर को याद, कहा, 'डॉक्टरों को लगा था मैं कभी क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा'

जोफ्रा आर्चर को किशोरावस्था में लगी चोट की वजह से दो साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था (File Photo)

Highlightsईमानदारी से कहूं तो वह बुरा दौर था, मैंने दो साल क्रिकेट के बिना बिताये थे: आर्चरऐसा लगा कि जैसे मैंने अपने स्वर्णिम दिन गंवा दिये हों: आर्चर

नई दिल्ली: विश्व कप विजेता इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने उस समय को ‘बुरा दौर’ करार दिया जब वह किशोरावस्था में पीठ दर्द के कारण दो साल तक खेल से बाहर रहे और चिकित्सकों को लगा था कि वह शायद कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। आर्चर वेस्टइंडीज अंडर-19 टीम में जगह बनाने के बाद चोटिल हो गये थे। इसके बाद वह 2015 में इंग्लैंड में आकर बस गये थे।

इस तेज गेंदबाज ने राजस्थान रायल्स पोडकॉस्ट में कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो वह बुरा दौर था। मैंने दो साल क्रिकेट के बिना बिताये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं युवा था और खेलना चाहता था। ऐसे में आप अपने युवा होने का पूरा फायदा उठाना चाहते हो क्योंकि अगर आप 20, 21 या यहां तक कि 25 साल के हो जाते हैं और भाग्य साथ नहीं देता तो तब भी आप मौके का इंतजार कर रहे होते हो।’’ आर्चर ने कहा, ‘‘ऐसे में लोग उन खिलाड़ियों पर दांव नहीं खेलना चाहते हैं जो थोड़ा उम्रदराज हो जाते हैं।’’

पिछले साल इंग्लैंड की विश्व कप जीत में सुपर ओवर करने वाले आर्चर ने कहा कि तब वह निराश हो गये थे जब चिकित्सकों ने उनसे कहा कि हो सकता कि वह आगे क्रिकेट नहीं खेल पाएं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगा कि जैसे मैंने अपने स्वर्णिम दिन गंवा दिये हों। डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि अगर उन्हें सुधार नजर नहीं आता है तो हो सकता है कि मैं आगे क्लब क्रिकेट भी नहीं खेल पाऊं। मुझे वह दिन अब भी याद है। मैं निराश था।’’

आर्चर ने कहा, ‘‘मैंने विश्राम किया और निर्णय लिया कि अगर दर्द कम होगा तो मैं फिर से कोशिश करूंगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं वापस विश्वविद्यालय लौटकर जीवन की दूसरी राह पर चलने लग जाऊंगा। लेकिन सौभाग्य से मैं जैसा चाहता था वैसा ही हुआ।’’ 

Open in app