Jhulan Goswami 2022: ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में अंतिम मैच, विश्व कप खिताब नहीं जीतने का मलाल, 353 विकेट, जानें

Jhulan Goswami 2022: एकदिवसीय विश्व कप के 2005 और 2017 सत्र में टीम के उपविजेता रहने का मलाल हमेशा रहेगा।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2022 04:39 PM2022-09-24T16:39:21+5:302022-09-24T16:51:35+5:30

Jhulan Goswami 2022 Last match historic Lord's ground regret not win World Cup title 353 wickets, know | Jhulan Goswami 2022: ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में अंतिम मैच, विश्व कप खिताब नहीं जीतने का मलाल, 353 विकेट, जानें

अभ्यास के लिए मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी।

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Highlightsमैंने दो विश्व कप फाइनल खेले हैं लेकिन एक भी ट्रॉफी नहीं जीत सकी। लॉर्ड्स मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद खेल से संन्यास ले लेंगी। अभ्यास के लिए मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी।

Jhulan Goswami 2022: भारत की महान तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को यहां कहा कि दो दशक के करियर में उन्हें सिर्फ  एकदिवसीय विश्व कप खिताब को नहीं जीत पाने का ‘पछतावा’ है।

झूलन शनिवार को ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद खेल से संन्यास ले लेंगी। मीडिया के बातचीत के दौरान झूलन ने भावुक होकर कहा कि वह इस खेल के प्रति शुक्रगुजार है, जिसने उन्हें इतनी शोहरत और प्रतिष्ठा दी। उन्होंने कहा कि एकदिवसीय विश्व कप के 2005 और 2017 सत्र में टीम के उपविजेता रहने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा।

दायें हाथ की 39 साल की इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैंने दो विश्व कप फाइनल खेले हैं लेकिन एक भी ट्रॉफी नहीं जीत सकी। अगर हम दो में से एक में भी चैंपियन बनते तो यह मेरे और टीम के लिए शानदार होता।’’ झूलन ने कहा, ‘‘ मुझे बस इसका  ही मलाल हैं क्योंकि आप चार साल तक विश्व कप की तैयारी करते हैं। बहुत मेहनत होती है। किसी भी क्रिकेटर के लिए विश्व कप जीतना एक सपने के सच होने जैसा होता है।

लेकिन जहां से मैच चीजों को देख रही हूं वहां से महिला क्रिकेट का स्तर और लोकप्रियता सिर्फ ऊपर की ओर ही जायेगा।’’ इस दिग्गज गेंदबाज ने कहा, ‘‘ जब मैंने शुरुआत की थी तो इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैं खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि इस खेल को खेल सकी। ईमानदारी से कहूँ तो बेहद साधारण परिवार और  चकदा (पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में) जैसे एक छोटे से शहर से होने के कारण मुझे महिला या पेशेवर क्रिकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ’’ मैं अपने परिवार के लोगों, अभिभावकों की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया।’’ झूलन ने कहा कि भारतीय टीम की कैप (पदार्पण करना) प्राप्त करना उनकी क्रिकेट यात्रा का सबसे यादगार क्षण था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सबसे अच्छी याद तब है जब मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला और मैंने पहला ओवर फेंका क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था (कि मैं भारत के लिए खेलूंगी)। मेरी क्रिकेट यात्रा कठिन रही है क्योंकि अभ्यास के लिए मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी।’’

उन्होंने कहा कि वह 1997 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मैच को देखने के लिए मैदान में 90,000 दर्शकों मौजूद थे।  यही से उन्होंने क्रिकेट को करियर बनाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं 1997 में ‘बॉल गर्ल’ (मैदान के बाहर की गेंद को वापस करने वाली) थी। विश्व कप फाइनल को देखने के बाद ही मैंने भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा था।’’

झूलन जब अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को खत्म करने की तरफ बढ़ रही है तब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर महिलाओं की टी20 लीग शुरू करने की तैयारी कर रहा है। झूलन से जब इसमें भाग लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है।

अभी महिला आईपीएल की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हमें उम्मीद है कि यह आने वाले सत्र में शुरू होगा। मैं आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रही हूं इसके बाद कुछ फैसला करूंगी। फिलहाल मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने जा रही हूं, जिसका मैंने हमेशा लुत्फ उठाया है।’’

झूलन 2017 विश्व कप के बाद चोटों लगातार परेशान रही है। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से संन्यास पर विचार कर रही थी। झूलन ने कहा, ‘‘ विश्व कप (2017) के बाद से मैं सोच रही थी कि कोई भी श्रृंखला मेरी आखिरी हो सकती है। मैं ने लगातार चोट का सामना किया है और यह आसान नहीं था। मैंने सोचा था कि श्रीलंका दौरा (जुलाई में) मेरी आखिरी श्रृंखला होगी लेकिन मैं फिर से चोटिल हो गयी।

ऐसे में इंग्लैंड दौरा मेरे लिए आखिरी विकल्प था। इसलिए मैं एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में वापस गयी, फिटनेस हासिल कर खुद को इंग्लैंड श्रृंखला से वापसी के लिए तैयार करने में सफल रही।’’ भारतीय टीम ने श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल ली है लेकिन झूलन अपने करियर को जीत के साथ खत्म करना चाहती है।

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में 350 से ज्यादा विकेट लेने वाली इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ दौरे को जीत के साथ समाप्त करना शानदार होगा। हमने पिछले दो मैचों में जो किया है उसे जारी रखना बहुत जरूरी है।’’ झूलन कहा कि संन्यास के बाद उन्हें मैदान पर भारतीय टीम की जर्सी में राष्ट्रीय गान को नहीं गाने की कमी सबसे ज्यादा खलेगी।

उन्होंने इस मौके पर कुछ महीने पहले संन्यास लेने वाली मिताली राज के साथ अपने लंबे समय से जुड़ाव के बारे में भी बताया। झूलन ने कहा, ‘‘ मिताली और मैं अंडर-19 के दिनों से एक साथ खेले हैं,  मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह हमारे संबंध अच्छे रहे है। यह टीम को एकजुट रखने के बारे में था। यह एक यात्रा की तरह रहा। हम मानते है कि हम महिला क्रिकेट की दिशा और दशा बदलने में एक हद तक कामयाब रहे।’’ 

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