Ishan Kishan Ranji Trophy 2023-24: रणजी मैच खेलने नहीं उतरे इशान किशन, बीसीसीआई ले सकता है बड़ा एक्शन!

Ishan Kishan Continues To Skip Ranji Trophy: इशान के प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने और सिर्फ आईपीएल पर ध्यान केंद्रित करने के कारण बीसीसीआई को खिलाड़ियों के इस लुभावनी लीग की नीलामी में हिस्सा लेने का पात्र होने के लिए न्यूनतम रणजी ट्रॉफी मैचों में खेलना अनिवार्य करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2024 1:11 PM

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ठळक मुद्देदीपक चाहर और श्रेयस अय्यर भी अपनी घरेलू टीमों का हिस्सा नहीं हैं। 10 अंक जुटाने वाला झारखंड अंतिम दौर में घरेलू मैदान पर राजस्थान से खेल रहा हैयुवा खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल में खेलने को अपनी आदत नहीं बना लें।

Ishan Kishan Ranji Trophy 2023-24: इशान किशन की रणजी ट्रॉफी से अनुपस्थिति जारी रही जब झारखंड (Jharkhand) के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाला यह विकेटकीपर बल्लेबाज शुक्रवार को शुरू हुए अंतिम दौर के मैच में भी टीम का हिस्सा नहीं बना। इशान का यह कदम भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को पसंद नहीं आएगा। इशान के प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने और सिर्फ आईपीएल पर ध्यान केंद्रित करने के कारण बीसीसीआई को खिलाड़ियों के इस लुभावनी लीग की नीलामी में हिस्सा लेने का पात्र होने के लिए न्यूनतम रणजी ट्रॉफी मैचों में खेलना अनिवार्य करने के लिए मजबूर होना पड़ा। विभिन्न स्थानों पर शुरू हुए अंतिम दौर के मुकाबलों में दीपक चाहर और श्रेयस अय्यर भी अपनी घरेलू टीमों का हिस्सा नहीं हैं। अय्यर को हालांकि कमर और ग्रोइन में समस्या है।

इन तीन खिलाड़ियों - इशान (Ishan Kishan), चाहर (Deepak Chahar) और अय्यर (Shreyas Iyer)- को विशेष रूप से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी-अपनी राज्य टीमों के लिए खेलने के लिए कहा गया था। इशान की अनुपस्थिति में कुमार कुशाग्र (Kumar Kushagra) झारखंड के लिए विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। छह मैच में केवल एक जीत से 10 अंक जुटाने वाला झारखंड अंतिम दौर में घरेलू मैदान पर राजस्थान से खेल रहा है।

इशान जिस तरह से ‘यात्रा की थकान’ का हवाला देकर राष्ट्रीय टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच से लौटने के बाद से लगतार मैचों से बाहर रहे है, उससे भारतीय क्रिकेट के अधिकारी खुश नहीं है। इससे भी अधिक यह पता चला कि वह मुंबई इंडियंस के अपने नए कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग कर रहे थे जबकि उनकी राज्य की टीम रणजी ट्रॉफी में ग्रुप ए तालिका में निचले पायदान पर थी। इस बात पर आम सहमति है कि एक सख्त नीति का पालन करने की आवश्यकता है ताकि युवा खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल में खेलने को अपनी आदत नहीं बना लें।

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