भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आईपीएल शुरू होने से पहले विश्व कप के लिये जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों के लिये ‘कार्यभार प्रबंधन’ को अहम बताया लेकिन इनमें से ज्यादातर ने इस लीग में लगभग सभी मैच खेले। विश्व कप अभियान शुरू करने से पहले तीन हफ्ते का समय है तो थकान दो बार की चैम्पियन टीम के लिये मुद्दा नहीं हो सकता। हालांकि हर कोई यह जानने के लिये बेताब होगा कि तेज गेंदबाजी इकाई कैसा प्रदर्शन करती है।
भारतीय कप्तान ने टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले संकेत दिया था कि अगर किसी भी खिलाड़ी को लगता है कि उन्हें आराम की जरूरत है तो वे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर सकते हैं। कोहली ने आईपीएल के शुरुआती मैच से पहले कहा था, ‘‘अगर मैं 10, 12 और 15 मैचों में खेल पाता हूं तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई अन्य खिलाड़ी भी इतने ही मैच खेल सकता है। मेरा शरीर शायद कुछ निश्चित संख्या में मैच खेलने की अनुमति दे इसलिये मुझे इस संदर्भ में स्मार्ट होना चाहिए और आराम करना चाहिए।’’
यह कहना ही आसान था लेकिन यह लाजमी ही है कि निजी फ्रेंचाइजी वाली लीग अपने स्टार खिलाड़ियों से हर चीज की मांग करती और ऐसा हुआ भी। कप्तान कोहली, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव ने अपने सभी 14 लीग मैच खेले। विजय शंकर और भुवनेश्वर कुमार ने 15 मैच जबकि शिखर धवन, रविंद्र जडेजा, हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमराह रविवार को फाइनल सहित 16 मैच खेलेंगे।
महेंद्र सिंह धोनी ने फाइनल सहित 15 मैच खेले। जिस खिलाड़ी ने 10 से कम मैच खेले, वह चाइनामैन कुलदीप यादव रहे, जिन्हें केकेआर प्रबंधन ने खराब फॉर्म के कारण नौ मैचों में बाहर रखा। जहां तक अन्य का संबंध है तो धोनी पीठ की समस्या के कारण दो मैच नहीं खेल पाये, जबकि रोहित एक मैच के लिये अनफिट रहे। रविंद्र जडेजा एक मैच नहीं खेले, जबकि केदार जाधव को अंतिम लीग मैच में कंधे में चोट लगाने के बाद टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया।
भारत के लिये यह चीज अच्छी रही कि उसके मुख्य खिलाड़ी चोटों से बच गये, वर्ना इतने लंबे समय तक चलने वाले टूर्नामेंट में इसकी संभावना अधिक रहती है जैसा कि दक्षिण अफ्रीका के मुख्य तेज गेंदबाज डेल स्टेन और कागिसो रबाडा के साथ हुआ जो विश्व कप के लिये फिट होने के मद्देनजर मेहनत में जुटे हैं।
कोहली ने आईपीएल के शुरू होने से पहले कहा था, ‘‘किसी अन्य का शरीर मुझसे ज्यादा मैच खेलने योग्य होगा या फिर मुझसे कम, यह बहुत ही निजी चीज है। हर कोई विश्व कप में खेलना चाहता है इसलिये लोगों को इसके बारे में स्मार्ट होना चाहिए ताकि आप इस तरह के बड़े टूर्नामेंट से बाहर नहीं हो।’’ वहीं राहुल जैसे बल्लेबाज ने आईपीएल का इस्तेमाल विश्व कप से पहले सर्वश्रेष्ठ फार्म हासिल करने में किया लेकिन तेज गेंदबाजों के लिये कार्यभार प्रबंधन सबसे बड़ी चिंता होती है।
भारतीय उप कप्तान रोहित कप्तान ने आईपीएल फाइनल से पहले कहा, ‘‘हमने टूर्नामेंट के शुरू होने के समय कार्यभार प्रबंधन के बारे में बात की थी। जसप्रीत के मामले में देखो तो वह ऐसा खिलाड़ी है जो सभी मैच खेलना चाहता है ताकि सुनिश्चित कर सके कि वह अच्छी लय में रहे। हमने उससे पूछा भी था कि अगर उसे आराम की जरूरत है तो हम ऐसा कर सकते हैं।’’
मुंबई इंडियन्य के कप्तान ने कहा, ‘‘कोई भी आईपीएल में खेलता है और फिर विश्व कप जैसा बड़ा टूर्नामेंट खेलने जाता है तो मुझे लगता है कि इससे वे लय में रहते हैं। यह फॉर्म हासिल करने के लिये अच्छा टूर्नामेंट है। हार्दिक इसका उदाहरण है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह आईपीएल से पहले चोटिल था, भारत के लिये कुछ मैचों से भी बाहर रहा लेकिन अब वह हमारे लिये इतना शानदार प्रदर्शन कर रहा है।’’