दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में खेला गया पहला टेस्ट हारकर आलोचकों के निशाने पर आई टीम इंडिया की खराब तैयारियों को लेकर एक और खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि टीम इंडिया ने कैसे दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारियों को हल्के में लिया और उस पर ध्यान नहीं दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्टार खिलाड़ियों को तैयारियों और परिस्थितियों में ढलने के लिए पहले ही दक्षिण अफ्रीका भेजने के लिए बीसीसीआई के ऑफर को ठुकरा दिया था। बीसीसीआई और प्रशासकों की समिति (सीओए) ने टीम मैनेजमेंट से कहा था कि वे उन खिलाड़ियों को सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा नहीं और टेस्ट विशेषज्ञ हैं, को तैयारियों के लिए पहले दक्षिण अफ्रीका भेज सकते हैं। लेकिन टीम मैनेजमेंट ने इस ऑफर के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई ने टीम मैनेजमेंट के सामने टेस्ट टीम के कोर ग्रुप को दक्षिण अफ्रीका जल्दी भेजने का प्रस्ताव रखा था। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी सीमित ओवरों की क्रिकेट का हिस्सा नहीं थे और यहां स्थानीय क्रिकेट खेल रहे थे। बीसीसीआई उनका खर्चा उठाने को तैयार थी लेकिन टीम मैनेजमेंट ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई और प्रस्ताव को ठुकरा दिया। हम यहां तक कि श्रीलंका के खिलाफ टॉप खिलाड़ियों को वनडे और टी20 सीरीज में न खेलने की इजाजत देने के लिए तैयार थे।'
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच की सीरीज का आखिरी मैच 24 दिसंबर को खेली थी। इसके बाद वह 28 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रवाना हुई और एक दिन बाद केपटाउन पहुंची। भारत ने पहला टेस्ट 5 जनवरी से खेला और 72 रन से हार गई।
इससे पहले आमतौर पर विदेशी दौरों पर भारतीय टीमें कम से कम 15-20 दिन पहले जाती रही हैं और पहले टेस्ट से पहले कम से कम एक प्रैक्टिस मैच भी खेलती रही हैं। 2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तो सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया करीब एक महीने पहली ही ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई थी। लेकिन विराट कोहली और रवि शास्त्री की अगुवाई वाले भारतीय टीम मैनेजमेंट ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे-टी20 सीरीज और विराट कोहली के रिसेप्शन को ज्यादा तवज्जो दी, जिसका साफ असर पहले टेस्ट में टीम इंडिया के प्रदर्शन में दिखा और भारत को करारी हार झेलनी पड़ी।