पहले तीन वनडे मैचों में इस जोड़ी ने 28 में से 21 विकेट झटके, नतीजा तीनों ही मैच भारत ने जीते। लेकिन चौथे वनडे में इस जोड़ी ने 11.3 ओवरों में 119 रन लुटा दिए, नतीजा भारत मैच 5 विकेट से हार गया। ये दमदार स्पिन जोड़ी है युजवेंद्र चहल और कुलदीप की जो चौथे वनडे में बेअसर रही और टीम इंडिया को छह वनडे मैचों की सीरीज में पहली बार हार का सामना करना पड़ा। वर्षा प्रभावित मैच में जीत के लिए मिले 28 ओवरों में 202 रन के लक्ष्य के सामने भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें अपने इन दो स्पिनरों से थी, लेकिन चहल ने 68 और कुलदीप ने 51 रन दे डाले और यही भारत की हार की सबसे बड़ी वजह बन गई।
चौथे वनडे में फ्लॉप रही 'कुल-चा' की जोड़ी
पहले तीन वनडे में अबूझ पहेली बनकर उभरी कुलदीप और युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़ी चौथे वनडे में पटरी से उतर गई। इन दोनों के खिलाफ पहले तीन वनडे में सिर्फ 13 चौके और 4 छक्के लगे थे लेकिन सिर्फ चौथे वनडे में ही इन दोनों के खिलाफ 14 चौके और 8 छक्के लग गए। इससे साफ दिखता है कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भारत के ट्रंप कार्ड रहे इन दोनों की गेंदबाजी की किस कदर धज्जियां उड़ाकर रख दीं। चौथे वनडे से पहले चहल ने 11 और कुलदीप ने 10 विकेट झटके थे लेकिन चौथे मैच में ये दोनों बहुत खर्चीले साबित हुए और कोहली की योजना फ्लॉप हो गई।
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युजवेंद्र चहल ने अपने 5.3 ओवर में 68 रन देकर डेविड मिलर का विकेट लिया जबकि कुलदीप ने 6 ओवरों में 51 रन लुटाते हुए अमला और जेपी डुमिनी के विकेट झटके। खासकर पांचवें विकेट के लिए 72 रन जोड़ने वाले मिलर (39) और क्लासेन (43*) ने इन दोनों के खिलाफ जमकर हमला बोला और उनके पास इस काउंटर अटैक का कोई जवाब नहीं था।
चहल और कुलदीप की जोड़ी इस सीरीज में कोहली का सबसे मारक हथियार रही है लेकिन जब ये हथियार ही नाकाम रहा तो उससे उबरने के लिए कोहली के पास कोई प्लान बी नहीं था। चहल ने मिलर को नो बॉल फेंकते हुए जीवनदान देते हुए रही-सही कसर भी पूरी कर दी। आने वाले मैचों में टीम इंडिया की जीत में इन दोनों की बहुत जरूरत पड़ने वाली है। लेकिन इस मैच ने ये साबित कर दिया कर दिया कि चहल-कुलदीप की जगह अभी से 2019 वर्ल्ड कप के लिए तय मानना कितनी जल्दबाजी है!