INDvSA: टीम इंडिया की जीत की हीरो रही कुलदीप-चहल की जोड़ी, जिसने दक्षिण अफ्रीकी बैटिंग की कब्र खोद दी!

कुलदीप-चहल की जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में 33 विकेट झटके

By अभिषेक पाण्डेय | Published: February 17, 2018 5:08 PM

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जोहांसबर्ग में चौथा वनडे जीतने के बाद दक्षिण अफ्रीकी जीत के हीरो हेनरिक क्लासेन ने कहा था कि इस पूरी सीरीज में जिस एक गेंदबाज ने उनकी टीम को सबसे ज्यादा परेशान किया है उसका नाम है कुलदीप यादव। क्लासेन के मुताबिक इस चाइनामैन गेंदबाज को समझ पाने में उनके बल्लेबाज नाकाम रहे। 

क्लासेन की ये बात तब सही साबित हो जाती है जब आपको पता चलता है कि कुलदीप 6 मैचों में 17 विकेट झटकते हुए वनडे सीरीज के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे। लेकिन क्लासेन और उनकी टीम जिस एक और भारतीय गेंदबाज के सामने जूझती रही वह हैं, युजवेंद्र चहल। चहल ने 6 वनडे में 16 विकेट झटके और कुलदीप के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की कब्र खोद दी। 

कुलदीप-चहल की जोड़ी बनी दक्षिण अफ्रीकी धरती पर सबसे कामयाब जोड़ी

कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी दक्षिण अफ्रीका की धरती पर एक सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली स्पिन जोड़ी बन गई। इन दोनों ने 6 वनडे मैचों में 33 विकेट झटके। इससे पहले भारतीय स्पिनरों ने 2003 के वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका में 30 विकेट झटके थे। 

कुलदीप-चहल की जोड़ी वनडे इतिहास में एक द्विपक्षीय वनडे सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली पांचवीं जोड़ी बन गई। कुलदीप यादव ने इस सीरीज में 17 विकेट झटके और एक द्विपक्षीय सीरीज में  सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बन गए। इससे पहले जवागल श्रीनाथ और अमित मिश्रा एक सीरीज में 18-18 विकेट ले चुके हैं। कुलदीप-चहल की जोड़ी ने 6 मैचों की वनडे सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के कुल गिरे 53 विकेट में से 33 विकेट झटके, इनमें से पहले तीन मैचों में तो इस जोड़ी ने 28 में से 21 विकेट झटक लिए थे।   

भारतीय जीत के हीरो साबित हुए कुलदीप-चहल

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज आते ही टीम इंडिया चैंपियन बन गई। जो टीम कुछ दिन पहले टेस्ट सीरीज बमुश्किल 2-1 से जीत पाई थी, अचानक ही उसके तेवर ऐसे बदले कि वह अजेय टीम नजर आने लगी। इस बात का श्रेय काफी हद तक कुलदीप और चहल की जोड़ी को जाता है। इन दोनों ने पहले मैच से ही दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को इस कदर परेशान किया कि पूरी सीरीज में वह कभी भी उनकी फिरकी को ढंग से खेल नहीं पाए।

सिर्फ जोहांसबर्ग में खेले गए सीरीज के चौथे मैच को छोड़ दे तो 6 मैचों की सीरीज में एक बार भी ऐसा वक्त नहीं आया जब इस जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने की आजादी दी हो। जोहांसबर्ग वनडे में कुलदीप ने 2 विकेट के लिए 6 ओवर में 51 रन तो चहल ने 5.3 ओवरों में 68 रन देकर एक विकेट लिया। नतीजा, भारत सीरीज में यही एकमात्र मैच हारा। 

लेकिन इस एक मैच को छोड़कर बाकी के मैचों में ये दोनों दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेते रहे। अगर भारत दक्षिण अफ्रीका की धरती पर पहली बार सीरीज जीत पाया तो ये काफी हद तक इन दोनों की शानदार गेंदबाजी से ही मुमकिन हो पाया। भारत की इस ऐतिहासिक जीत की चर्चा इन दोनों के योगदान के बिना अधूरी होगी।

अपने इस दमदार प्रदर्शन की वजह से ही कुलदीप और चहल को 2019 वर्ल्ड कप खेलने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। कई विशेषज्ञों ने तो यहां तक कह दिया है कि अश्विन-जडेजा के लिए 2019 वर्ल्ड कप की राहें बंद हो गई हैं।  हाल ही में वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि अगर टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन कर पाई तो इसका श्रेय गेंदबाजों को जाता है। सहवाग ने ये भी कहा कि जिस दिन गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करना बंद किया उसी दिन कोहली का पतन शुरू हो जाएगा। शायद सहवाग का इशारा कुलदीप-चहल के इस सीरीज के जादुई प्रदर्शन की ओर था। 

खैर, ये तो वक्त ही बताएगा कि कुलदीप-चहल की जोड़ी कितना कामयाब होगी और 2019 का वर्ल्ड कप खेलेगी या नहीं? लेकिन इतना तो तय है कि फिलहाल विश्व क्रिकेट में इस जोड़ी का डंका बज रहा है और ये कोहली के तरकश का सबसे मारक हथियार हैं!

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