लंदन, 07 सितंबर: विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया 2007 के बाद पहली बार इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने के इरादे से गई थी। सीरीज के पहले दो टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम ने जोरदार वापसी करते हुए नॉटिंघम में खेला गया चौथा टेस्ट 203 रन से जीतते हुए सीरीज में वापसी कर ली थी।
लेकिन चौथे टेस्ट में 60 रन की हार से भारतीय टीम सीरीज 1-3 से गंवा बैठी। अब भारतीय टीम की नजरें ओवल में खेले जाने वाले पांचवें टेस्ट में जीत हासिल करके इस सीरीज के सम्मान के साथ समापन पर है।
लेकिन ओवल में भारतीय टीम के रिकॉर्ड को देखते हुए उसके लिए जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। भारतीय टीम इस साल विराट कोहली की कप्तानी में विदेशों में 7 टेस्ट मैच खेले चुकी है और उनमें से सिर्फ एक में जीत हासिल कर पाई है।
भारत ने अब तक ओवल में 82 सालों में 12 मैच खेले हैं जिसमें उसे सिर्फ एक जीत ही मिली है। जो उसे 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में मिली थी। इंग्लैंड ने इस मैदान पर भारत के खिलाफ चार जीत हासिल की है और बाकी के 7 मैच ड्रॉ रहे हैं।
वाडेकर की कप्तानी में 1971 में ओवल में मिली जीत भारत की इंग्लैंड में पहली टेस्ट जीत थी। इस मैदान पर भारत को अपने आखिरी दो टेस्ट मैचों में पारी से शिकस्त मिली है। भारत को 2011 में ओवल पर एक पारी और 8 रन से और 2014 में एक पारी और 144 रन से शिकस्त मिली थी।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से ओवल में भारतीय टीम की करारी हार के कारणों पर कहा, 'मेरे ख्याल से ये उन पिचों में शामिल है जो भारत के मुफीद हैं। गेंद बल्ले पर बेहतर ढंग से आती है और विकेट में थोड़ा उछाल होता है और बाद में मूवमेंट कम होती है। मुझे अभी पता नहीं है कि बाद में विकेट कैसी होगी। मैं बाद में पिच और परिस्थितियों पर नजर डालूंगा। सीरीज हारने के बाद इस मैदान पर आखिरी टेस्ट खेलना मानसिक रूप से अच्छी स्थिति नहीं है और शायद इसीलिए हमारा इस मैदान पर ऐसा रिकॉर्ड है, जहां हम तीन-चार दिनों में सिमट जाते है।'