Ind vs ENG: भारत फिर नहीं तोड़ पाया एजबेस्टन में हार का 'तिलिस्म', सात में से छठा टेस्ट हारा

India vs England: टीम इंडिया की एजबेस्टन में अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल करने की उम्मीदों पर फिरा पानी, पहला टेस्ट 31 रन से हारी

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: August 4, 2018 17:56 IST2018-08-04T17:44:15+5:302018-08-04T17:56:07+5:30

India vs England: India again failed to win test match at Edgbaston, lost first test by 31 runs | Ind vs ENG: भारत फिर नहीं तोड़ पाया एजबेस्टन में हार का 'तिलिस्म', सात में से छठा टेस्ट हारा

विराट कोहली

बर्मिंघम, 04 अगस्त: इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन शनिवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को 31 रन से हारते हुए पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली। इंग्लैंड से जीत के लिए मिले 194 रन के जवाब में भारतीय टीम दूसरी पारी में 162 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। पहली पारी में 149 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में भी कोहली ने सबसे अधिक 51 रन बनाए। 

एजबेस्टन में नहीं पूरी हुई भारत की टेस्ट जीत की तलाश

इस हार के साथ ही भारतीय टीम एजबेस्टन में पहली जीत की तलाश पूरी नहीं कर पाई। एजबेस्टन में अब तक खेले गए सात मैचों में ये भारत की छठी हार है जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। एजबेस्टन में अब तक न सिर्फ भारत बल्कि कोई भी एशियाई टीम जीत हासिल नहीं कर सकी है। इस मैदान पर अब तक एशियाई टीम बिना जीत हासिल किए सर्वाधिक 17 टेस्ट मैच खेल चुकी हैं, जो दुनिया के किसी भी मैदान पर एशियाई टीम का सबसे खराब प्रदर्शन है। 

भारत ने चौथा सबसे करीबी टेस्ट मैच गंवाया

भारत की ये टेस्ट क्रिकेट में चौथी सबसे करीबी हार है। भारत को टेस्ट क्रिकेट में सबसे करीबी हार 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ मिली थी जब वह सचिन तेंदुलकर की 136 रन की जोरदार  पारी के बावजूद 12 रन से हार गई थी। इसके बाद भारतीय टीम 1987 में बेंगलुरु में पाकिस्तान से 16 रन से और 1977 में ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया से 16 रन से हारी थी। अब इंग्लैंड के हाथों एजबेस्टन टेस्ट में मिली 31 रन की हार उसकी टेस्ट में चौथी सबसे करीबी हार है।

भारत की टेस्ट में सबसे  करीबी हार

12 v पाकिस्तान, चेन्नई, 1999
16 v पाकिस्तान, बेंगलुरु, 1987
16 v ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन, 1977
31 v इंग्लैंड, एजबेस्टन, 2018*

इंग्लैंड के पहली पारी के 287 रन के जवाब में भारत ने 274 रन बनाए और फिर इंग्लैंड को 180 रन पर समेटने के बाद उसे 194 रन का लक्ष्य मिला, जिसके जवाब में वह 162 रन पर सिमट गई।

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