महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने पर्थ पिच को औसत मानने से इनकार करते हुए उसे टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने वाला करार दिया है। इस विकेट पर खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 146 रन से हराते हुए चार मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली थी।
तेज गेंदबाजों की मददगार इस विकेट पर बल्लेबाजी कतई आसान नहीं थी और आईसीसी ने इसे 'औसत' पिच का दर्जा दिया है। इसके बाद से इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि ऐसी विकेट टेस्ट क्रिकेट में होनी चाहिए या नहीं।
लेकिन सचिन ने ट्विटर पर इस पिच को लेकर अपनी राय जाहिर की। सचिन ने पर्थ की पिच को लेकर लिखा, 'पिच विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने और उत्साह पैदा करने के लिए, हमें पर्थ जैसी अधिक पिचों की आवश्यकता है, जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों के कौशल की सच में परीक्षा हुई। यह पिच किसी भी तरह से औसत नहीं थी।'
सचिन से पहले ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज
मिशेल स्टार्क ने भी पर्थ की पिच को औसत रेटिंग दिए जाने पर निराशा जताते हुए कहा था कि इस तरह की रेटिंग इस खेल को पूरी तरह से बल्लेबाजों का खेल बना देगी।
वहीं पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने भी सचिन के बयान से सहमति जताई और ट्विटर पर लिखा, 'मैं सहमत हूं'
गेंदबाजों की मददगार विकेट पर दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली ने 123 रन की पारी खेलते हुए अपनी काबिलियत साबित की। वहीं गेंदबाजों से ज्यादा कामयाबी इस विकेट पर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लायन को मिली, जिन्होंने 8 विकेट लिए। साथ ही दोनों टीमों के तेज गेंदबाज भी इस पर काफी कामयाब रहे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैचों के दौरान अक्सर क्रिकेट की पिचें चर्चा का विषय रहती हैं और अब सचिन द्वारा पर्थ की पिच के समर्थन से खेल में प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
चार टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर हैं। भारत ने ऐडिलेड में खेला गया पहला टेस्ट मैच 31 रन से जीता था जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच 146 रन से जीता था। सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा।