2 जनवरी 1960 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे क्रिकेटर रमन लांबा आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन शायद ही कोई ऐसा क्रिकेट फैन हो, जो उन्हें ना जानता हो। एक ऐसा क्रिकेटर, जो देश के लिए खेलते हुए क्रिकेट मैदान पर अपनी जान गंवा बैठा।
ये वाकया है 20 फरवरी 1988 का, जब रमन बांग्लादेश में क्लब मैच खेल रहे थे। इस मैच में वह शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे। मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के मेहराब हुसैन ने ओवर की चौथी गेंद पर ठीक उसी दिशा में शॉट लगाया और गेंद रमन के सिर पर जोर से जा लगी। ये बॉल इतनी तेजी से आई कि रमन के सिर पर टप्पा खाकर सीधे विकेटकीपर के पास पहुंच गई।
इसके बाद तुरंत रमन लांबा को अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उन्हें तीन दिनों तक आईसीयू में रखा गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। घटना के तीन दिन बाद 23 फरवरी 1998 को रमन की मृत्यु हो गई। हालांकि इस मैच के दौरान कप्तान खालिद मसूद ने रमन को हेलमेट पहनने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
रमन की आकास्मिक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी किम अपनों बच्चों को लेकर भारत से पुर्तगाल चली गई थीं। रमन को किम से आयरलैंड में प्यार हुआ था। किन और रमन ने सिंतबर 1990 शादी की थी। इनके दो बच्चे हैं। बेटे का नाम कामरान और बेटी का नाम जैस्मिन है। रमन लाम्बा ने भारत के लिए कुल चार टेस्ट मैच खेले थे। इसके अलावा इन्होंने 32 एकदिवसीय खेले, जिसमें 783 रन बनाए थे।