Highlightsएंजेलो मैथ्यूज और निरोशन डिकवेला ने आसानी से घुटने टेक दिये। श्रीलंका का कोई बल्लेबाज जडेजा की गेंदों को समझ ही नहीं सका।जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में पारी के पांच विकेट लेने का कारनामा 20वीं बार किया है।
Ind Vs SL: टीम इंडिया के 35वें टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने पहले मैच में इतिहास रच दिया। पॉली उमरीगर के बाद दूसरे कप्तान बन गए। रोहित की कप्तानी में टीम ने श्रीलंका को पहले मैच में पारी और 222 रन से हराया। उमरीगर ने 1955/56 में न्यूजीलैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था।
न्यूजीलैंड को एक पारी और 27 रन से हराया था। श्रीलंका को पहली पारी में 174 रन पर आउट करने के बाद भारत ने दूसरी पारी में उसे 178 रन पर समेट दिया। श्रीलंका ने तीसरे दिन 16 विकेट गंवाये। पहली पारी में पूरी टीम जडेजा के व्यक्तिगत स्कोर से एक रन पीछे थी जबकि दूसरी पारी में तीन रन अधिक ही बना सकी।
श्रीलंका ने एक दिन के खेल में सर्वाधिक विकेट गंवाएः
16 बनाम साउथ अफ्रीका जॉबबर्ग 2017
16 बनाम भारत मोहाली 2022*
15 बनाम भारत बेंगलुरु 1994।
श्रीलंका के लिए सबसे बड़ी पारी हारः
पारी और 239 रन बनाम भारत नागपुर 2017
पारी और 229 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका केप टाउन 2001
पारी और 222 रन बनाम भारत मोहाली 2022*
पारी और 208 रन बनाम एसए कोलंबो एसएससी 1993।
भारत सीरीज में 1-0 से आगे है और बेंगलुरु में 12 मार्च से शुरू हो रहे गुलाबी गेंद के टेस्ट में जीत दर्ज करके पूरे 24 अंक लेना चाहेगा। यह 60 साल बाद हुआ है जब किसी भारतीय क्रिकेटर ने पारी में 150 रन बनाने के साथ पांच विकेट भी लिए। इससे पहले 1952 में वीनू मांकड़ ने लॉडर्स पर इंग्लैंड के खिलाफ और पॉली उमरीगर ने दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ यह कारनामा किया था।
भारत ने दोनों पारियों में 125 ओवर डालकर 20 विकेट लिये। जडेजा ने नाबाद 175 रन बनाने के बाद पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार विकेट चटकाये। वहीं आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट को पीछे छोड़ा और अब वह अनिल कुंबले (619) के बाद सर्वाधिक विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए।
अश्विन ने 85वें टेस्ट में इस आंकड़े को छुआ जबकि कपिल ने 131 टेस्ट में इतने विकेट लिये थे। कपिल और अश्विन के दौर, परिस्थितियों और विरोधी टीमों को देखते हुए तुलना नहीं की जा सकती और दोनों की गेंदबाजी भी अलग है। सिर्फ आंकड़ों की बात करें तो तमिलनाडु के स्पिनर अश्विन की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। श्रीलंका के लचर प्रदर्शन ने मैच को पूरी तरह से एकतरफा बना डाला।