ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बचे हुए तीन टेस्ट मुकाबलों में अजिंक्य रहाणे टीम की कमान संभालेंगे। एडिलेड में खेले गए शृंखला के पहले टेस्ट में जो दुर्गति भारतीय टीम की हुई, उसे देखते हुए रहाणे के सामने चुनौतियों का अंबार है। मोहम्मद शमी भी चोट की वजह से शृंखला से बाहर हो चुके हैं। मतलब रहाणे के लिए कहीं से भी कोई राहत नहीं है लेकिन एक बात है जो उनके पक्ष में जाती है वह और वह यह कि अब तक उनके नेतृत्व में खेले गए दोनों टेस्ट में टीम जीती है।
संयोग से दो टेस्ट मैचों में से पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही था जो धर्मशाला में खेला गया था और भारत ने रविंद्र जडेजा के हरफनमौला प्रदर्शन से इसे जीत लिया था। 2017 की शृंखला के इस मुकाबले में कोहली के चोटिल होने के कारण रहाणे कार्यकारी कप्तान थे और अपने कुछ धांसू फैसलों के कारण चर्चा में रहे थे। उन्होंने कोहली के स्थान पर कुलदीप यादव को शामिल करने का 'बोल्ड निर्णय' लिया था।
एक बल्लेबाज की जगह गेंदबाज को शामिल करने से क्रिकेट के जानकार हैरत में थे लेकिन कुलदीप ने भारत की जीत में चार विकेट लेकर रहाणे के फैसले को सही साबित किया। रहाणे ने दूसरे मौके पर वर्ष 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक मुकाबले में भारत का नेतृत्व किया। यह एतरफा मुकाबला रहा और भारत अपेक्षा के अनुरूप जीत गया।
32 साल के रहाणे के लिए चुनौती यह है कि वे विदेशी सरजमी पर पहली बार भारत का नेतृत्व कर रहे हैं और ऐसी टीम उनके पास है जिसका मनोबल एक अनपेक्षित पराजय की वजह से टूट चुका है लेकिन इस दाए हाथ के बल्लेबाज को चुनौतियां पसंद हैं।